केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार (9 फरवरी, 2020) को कहा कि अगर बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता देने का वादा किया गया तो पड़ोसी देश आधा खाली हो जाएगा। रेड्डी ने संत रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में यह बात कही। इसी कार्यक्रम में उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की चुनौती देते हुए पूछा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत की 130 करोड़ आबादी के खिलाफ कैसे है।

कार्यक्रम में उन्होंने पूछा, ‘आधा बांग्लादेश खाली हो जाएगा अगर भारत उन्हें नागरिकता देने की पेशकश करता है। आधे से ज्यादा बांग्लादेशी भारत में आ जाएंगे अगर उन्हें भारतीय नागरिकता देने का वादा किया गया। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? केसीआर लेंगे या कांग्रेस नेता राहुल गांधी? भारत सरकार सीएए की समीक्षा करने के लिए तैयार है अगर इसमें एक भी शब्द 130 करोड़ भारतवासियों के खिलाफ है। मगर ये पाकिस्तानी या बांग्लादेशी मुस्लिमों के लिए नहीं है।’

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में कुछ उत्पीड़ित समुदायों के लिए मानवीय आधार पर लाया गया था। मगर कुछ राजनीतिक दल मांग कर रहे हैं कि इस एक्ट में इन देशों के मुस्लिमों को भी शामिल किया जाए। टीआरएस और इसकी ‘समर्थक पार्टी’ AIMIM पर निशाना साधते हुए रेड्डी ने कहा, ‘मैं टीआरएस और मुख्यमंत्री केसीआर को चुनौती देता हूं कि वो साबित करके दिखाए कि सीएए में एक भी शब्द 130 करोड़ भारतवासियों के खिलाफ है।’

मोदी सरकार में मंत्री रेड्डी ने कहा कि शरणार्थियों और घुसपैठियों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जैसी पार्टियां घुसपैठियों के लिए नागरिकता की मांग कर रही थीं, जो बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए थे। उनके मुताबिक कुछ शरणार्थी पिछले 40 वर्षों से बिना किसी सुविधा और दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार या राशन कार्ड के भारत में रह रहे हैं।