केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ और बीएसएफ समेत केन्द्रीय सुरक्षा बलों को देश की सुरक्षा और एकता सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ अपने कार्यालयों में सरदार पटेल की तस्वीर लगाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह निर्देश 31 अक्टूबर को पटेल की जयंती से पहले दिया गया है।

गृह मंत्री ने अमित शाह ने सभी केन्द्रीय सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे ‘भारत की सुरक्षा और एकता को हम अक्षुण रखेंगे’ संदेश के साथ पटेल की तस्वीर लगाएं। बता दें कि पटेल भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे। उन्हें 560 से अधिक रियासतों के भारतीय संघ में विलय का श्रेय दिया जाता है। बीजेपी सरदार पटेल के सहारे कांग्रेस को आड़े हाथों लेते आई है। बीजेपी यह आरोप लगाती रही है कि कश्मीर मुद्दे पर अगर सरदार पटेल को फैसला लेने का मौका मिलता तो आज हालात कुछ और होते।

कुछ वक्त पहले ही एक चुनावी सभा में अमित शाह ने आरोप लगाया था कि पाक अधिकृत कश्मीर की समस्या के लिए देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि अगर नेहरू ने बेवक्त संघर्षविराम की घोषणा नहीं की होती तो पाक अधिकृत कश्मीर अस्तित्व में ही नहीं आता। शाह ने कहा था कि नेहरू के बदले सरदार पटेल को इस मुद्दे को अपने हाथों में लेना चाहिए था। वहीं, एक कार्यक्रम में अमित शाह ने नेहरू के रुख को हिमालय से बड़ी गलती करार दिया था।

अमित शाह का सरदार पटेल से एक अन्य कनेक्शन भी है। अमित शाह की बायोग्राफी ‘अमित शाह एंड द मार्च ऑफ बीजेपी’ में लेखक अनिर्बन गांगुली और शिवानंद द्विवेदी ने बताया है कि शाह ने महज 13 साल की उम्र में पहली बार चुनाव प्रचार किया था। किताब में बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष द्वारा अपना पहला चुनाव प्रचार सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी मनीबेन पटेल के समर्थन में किया था। मनीबेन पटेल ने साल 1977 में गुजरात के मेहसाणा से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)