वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत शहरों में 1 करोड़ घरों के निर्माण के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, जिसमें से 2.2 लाख करोड़ रुपये पांच वर्षों में केंद्रीय सहायता के तहत होंगे। इसके जरिए सरकार सबके लिए पक्का मकान का सपना पूरा करेगी।
पीएम ने स्वतंत्रता दिवस पर की थी घोषणा
पीएमएवाई-यू इस साल 31 दिसंबर को समाप्त होने वाला है, इसलिए कैबिनेट ने तीसरे कार्यकाल की पहली बैठक में 1 करोड़ नए घरों को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री ने किफायती घरों के लिए ब्याज सहायता के लिए आवंटन की भी घोषणा की, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना में इस बार बजट का सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना क्रेडिट लिंक्ड स्कीम है। इस स्कीम के तहत सरकार लाभार्थी को या तो पक्का मकान बनाकर देती है या आर्थिक मदद उपलब्ध कराती है। यह योजना गांवों और शहरों के लिए अलग-अलग है। गांवों वाली योजना को पीएमएवाई-जी और शहरों वाली योजना को पीएमएवाई-यू कहते हैं।
इस योजना से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के कम आय वाले लोगों को काफी फायदा हो रहा है। पिछले 10 सालों में इस योजना के तहत देश में 4.21 करोड़ घरों का निर्माण किया गया है। इसकी सफलता को देखते हुए सरकार इस योजना पर इतनी बड़ी राशि खर्च कर रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में तीन रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विनिर्माण और अन्य औपचारिक क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देना है। सीतारमण के अनुसार, सरकार प्रधानमंत्री के बजट पैकेज के हिस्से के रूप में तीन योजनाओं को लागू करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ये योजनाएं ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की पहचान करने और कर्मचारियों और नियोक्ताओं का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।