Bhupendra Patel UCC Announcement: उत्तराखंड के बाद अब एक और बीजेपी शासित राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किए जाने की तैयारी है। इस राज्य का नाम गुजरात है और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसका ऐलान किया है। इसे लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है।
बताना होगा कि इससे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर दिया गया है। अब गुजरात भी इस दिशा में आगे बढ़ने जा रहा है।
भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने और कानून बनाने के लिए पांच सदस्यीय पैनल गठित करने की घोषणा की है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सर्वोच्च न्यायालय की रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।” समिति 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर सरकार आगे फैसला लेगी।
समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, CM धामी ने किया ऐलान
कमेटी की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, “भारतीयता हमारा धर्म है और संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है। जैसा कि हम संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में एक समान कानून लागू करने का फैसला किया है।”
क्या है समान नागरिक संहिता (यूसीसी)?
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मतलब है देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए समान कानून होना, चाहे उनका धर्म, जाति और जेंडर कुछ भी हो। यदि किसी राज्य में नागरिक संहिता लागू हो जाए तो वहां विवाह, तलाक, बच्चे को गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे जैसे सभी विषयों पर प्रत्येक नागरिक के लिए एक जैसा कानून लागू होगा। संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।
उत्तराखंड में लिवइन के लिए बनाए नियमों की चर्चा
उत्तराखंड में जब समान नागरिक संहिता लागू हुई तो सबसे अधिक चर्चा लिवइन के लिए बनाए गए नियमों को लेकर हुई थी। धामी सरकार ने यूसीसी को लेकर जो नियम बनाए हैं उनमें लिवइन में रहने वाले कपल्स को रजिस्ट्रेशन के लिए 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। किसी पुजारी से एक प्रमाण पत्र भी लेना होगा जिसमें लिखा होगा कि प्रेमी जोड़ा यदि चाहे तो विवाह करने के योग्य है। अगर कोई कपल लिवइन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे 6 महीने की जेल हो सकती है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि यूसीसी किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य सभी को समान अधिकार प्रदान करना है।
लिव-इन में रहना है तो भरना होगा 16 पेज का फॉर्म, क्लिक कर जानें उत्तराखंड के UCC में क्या हैं नियम?