गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई मामले में धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोपी उम्मेद पहलवान पर पुलिस रासुका के तहत कार्रवाई की है। उम्मेद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा 3(2) लगाई गई है। उम्मेद पहलवान पर सोशल मीडिया के जरिये बुजुर्ग पिटाई के मामले में धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा था। पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के मुताबिक बुलंदशहर के अनूपशहर में रहने वाले अब्दुल समद सैफी (72 साल) 5 जून को गाजियाबाद के लोनी अपने रिश्तेदार से मिलने गए थे। उनका आरोप है कि उन्होंने ऑटो लिया था, जिसमें चार युवक पहले से सवार थे। बाद में इन युवकों ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की। मारपीट करने वाले बुजुर्ग के परिचित थे। बुजुर्ग ने उन्हें ताबीज दिया था लेकिन उसके बाद से उनके घर में कुछ बुरी घटनाएं होने लगीं। इससे नाराज होकर उन्होने बुजुर्ग की पिटाई की थी। हालांकि, बुजुर्ग और उनके परिवार ने ताबीज बनाने की बात से इनकार किया था।
सपा नेता उम्मेद पहलवान ने ही सबसे पहले अब्दुल समद के मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए फेसबुक लाइव किया था। इसके बाद यह पोस्ट वायरल हो गई। पुलिस फेसबुक से उन लोगों की जानकारी मांग रही है जिन्होंने विवादित पोस्ट शेयर की थीं।
उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उम्मेद को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के पास से अरेस्ट किया गया। उसके साथ गुलशन नाम का एक और आरोपी पकड़ा गया है। पुलिस का कहना है कि अब तक इस मामले में सभी 11 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं।
पुलिस का कहना है कि उम्मेद पर रासुका लगाने के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति ली गई है। उसके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट, 1980 के तहत कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि बुजुर्ग की पिटाई करने वालों ने उससे जयश्री राम जबरन बुलवाया था। आरोपियों के कृत्य से जाहिर था कि वो धार्मिक भावनाएं भड़काना चाहते थे। उनकी कोशिश सांप्रदायिक दंगे भड़काने की थी। इसी वजह से सभी 11 आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इसी वजह से उम्मेद पहलवान पर रासका लगाई गई है।