Umar Khalid: अपनी बहन की शादी में शरीक होने के लिए अंतरिम जमानत मांग रहे उमर खालिद (Umar Khalid) की अपील पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को भरोसा नहीं है। खालिद (Umar Khalid) का कहना है कि वो इस दौरान ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा, जिससे कानून व्यवस्था को खतरा हो, लेकिन कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma court) में दाखिल अपने जवाब में दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके बाहर जाने से समाज में अशांति फैल सकती है। वो अंतरिम जमानत पर छोड़ने का फैसला गलत होगा। कोर्ट इस पर सुनवाई कर रही है।
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence Case) से जुड़े उमर खालिद ने 28 दिसंबर को अपनी बहन की शादी के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी है। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कड़कड़डूमा स्थिति अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में उमर खालिद की अंतरिम जमानत याचिका पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की। हालांकि पुलिस ने शादी की पुष्टि की है। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में उसकी बहन की शादी के तथ्य के सत्यापन के बावजूद अंतरिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध किया गया है। कोर्ट मामले की आगे की सुनवाई 29 नवंबर को करेगी।
उमर खालिद गवाह को प्रभावित कर सकता है: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उमर खालिद पर लगे आरोप गंभीर हैं। वह सोशल मीडिया का उपयोग करके अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान गलत सूचना फैला सकता है जिसे रोका नहीं जा सकता है और इससे समाज में अशांति पैदा होने की संभावना है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह गवाह को प्रभावित भी कर सकता है।
दिल्ली पुलिस ने कहा- उमर खालिद की मां और पिता अपनी बेटी की शादी करने में सक्षम
पुलिस ने कहा है कि उमर खालिद की मां बुटीक चलाती हैं और उसके पिता वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के मुखिया हैं। वे अपनी बहन की शादी की व्यवस्था करने में सक्षम हैं। पुलिस ने भी कहा गया है कि इस अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। बाद में आदेश के खिलाफ अपील को भी दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था।
उमर खालिद फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों की कथित बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में आरोपी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे।