अयोध्‍या में विवादित जगह पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी के दो बड़े नेताओं ने अलग-अलग बयान दिए हैं। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार (25 जून) को कहा था कि इसे लेकर समर्थकों को धैर्य रखना चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को अयोध्‍या में कहा कि वह उनमें से हैं जो चाहते हैं कि मंदिर ‘जल्‍द से जल्‍द बने।’ पत्रकारों से बातचीत में भारती ने कहा, ”मैं उनमें से हूं जो धैर्य धारण नहीं करते, हम तो चाहते हैं कि जल्‍दी से जल्‍दी राम मंदिर का निर्माण हो।” भारती ने यह भी कहा कि चूंकि केंद्र और राज्‍य, दोनों जगह भाजपा को ‘पूर्ण बहुमत’ है, ऐसे में वह एक ‘साहसिक निर्णय’ की प्रतीक्षा कर रही हैं।

भारती ने आदित्‍यनाथ और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह को संदेश देते हुए कहा, ”योगीजी पूर्ण बहुमत से मुख्‍यमंत्री हैं, और मोदीजी पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री हैं… कितने प्रचारक, स्‍वयंसेवक, राम भक्‍त, हर पार्टी लाइन से जुड़े लोग इस घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि हम कोई साहसिक निर्णय लें और हम राष्‍ट्रीय सकंल्‍प को साकार करें।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ”राम भक्ति” को हार-जीत से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्‍होंने ”भव्‍य मंदिर” के निर्माण को ”राष्‍ट्रीय गौरव का विषय” बताया। भारती यहां नृत्‍य गोपाल दास के जन्‍मदिन समारोह में हिस्‍सा लेने आई थीं। दास, मंदिर के निर्माण को देखने के लिए बनाए गए ट्रस्‍ट राम जन्‍मभूमि न्‍यास के प्रमुख हैं। उमा ने कहा कि ”राम आंदोलन” सत्‍ता प्राप्‍त करने से बड़ा था। उन्‍होंने कहा, ”इसे 2019 से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, इसे चुनावी राजनीति से दूर रखना चाहिए। जब 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद विध्‍वंस) की घटना हुई, कल्‍याण सिंह की सरकार चली गई और शांता कुमार, सुंदर लाल पटवा, भैरो सिंह शेखावत की भी (कुर्सी गई)। हम कभी सत्‍ता के लोग के लिए नहीं आए थे।”

अयोध्‍या में ही सोमवार को एक संत सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था कि इस बारे में ‘कोई संदेह नहीं होना चाहिए’ कि मंदिर बनेगा। उन्‍होंने कहा, ”आपने इतना धैर्य दिखाया है, कुछ और समय के लिए धैर्य धारण कर लीजिए।” हाल के कुछ महीनों में यह पहली बार है जब योगी मंदिर के निर्माण को लेकर इतनी मजबूती से बोले हैं।”