Udit Raj on Droupadi Murmu: कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए अपने विवादित बयान पर खेद जताया है। बुधवार (6 अक्टूबर) को उदित राज ने ट्वीट कर कहा कि उनसे शब्दों का चयन करने में गलती हुई है, जिसके लिए उन्हें खेद है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वो सवाल करना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि यह उनका अधिकार है।

उदित राज ने अपने ट्वीट में कहा, ”राष्ट्रपति जी को बयान सोच करके देना चाहिए। नमक खाने का अर्थ गहरा है। मेरे शब्द चयन में गलती हुई, खेद है। मै सवाल करता रहूंगा। मैं पद का मोह नहीं रखता, एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व करता हूं इसलिए तो तड़प जाता हूं, जब इनके नाम से उच्च पद पर रहकर लोग चुप रहते हैं।”

महिला आयोग ने भेजा था नोटिस: इससे पहले राष्ट्रपति पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने कांग्रेस नेता उदित राज को नोटिस भेजा था। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया था, “देश की सर्वोच्च शक्ति और अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचीं महिला के खिलाफ यह एक तरह का बेहद आपत्तिजनक बयान है। अपने अपमानजनक बयान के लिए उदित राज माफी मांगें। उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।”

कांग्रेस का नहीं, निजी बयान: जिसके बाद उदित राज ने कहा था कि यह उनका निजी बयान है कांग्रेस का नहीं। उन्होंने ट्वीट किया था, “मेरा बयान द्रौपदी मुर्मू जी के लिए निजी है,कांग्रेस पार्टी का नहीं। मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया और वोट मांगा आदिवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपति हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।”

क्या है विवाद: दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में गुजरात दौरे पर गई थीं। इस दौरान साबरमती आश्रम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि गुजरात में देश का 76 प्रतिशत नमक बनाया जाता है। यह कहा जा सकता है कि सभी देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं। जिसके बाद कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट कर कहा था, “द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं 70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।”