महाराष्ट्र में हाल ही में हुए बड़े सियासी घटनाक्रम के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बड़ा बयान दिया है। उद्वव ठाकरे ने कहा है कि वो चाहते हैं कि भविष्य में राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का कोई नेता बने। उनके इस बयान को एकनाथ शिंदे गुट के असंतुष्ट विधायकों को लुभाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

उद्धव ठाकरे ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मुख्यमंत्री बनना मेरी महत्वकांक्षा नहीं थी। मैं चाहता हूं कि भविष्य में भी शिवसेना का मुख्यमंत्री बने। मैंने बालासाहेब ठाकरे से वादा किया था कि राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना से बनेगा।”

उन्होंने आगामी चुनावों में गठबंधन को लेकर मीडिया द्वारा किए गए सवाल के जवाब में कहा कि हमने वंचित बहुजन आघाडी (VBA) से सीट बंटवारे का प्रस्ताव मांगा है। उनका प्रस्ताव आने पर हम इस बारे में सोचेंगे।

BJP पर बोला हमला

एनसीपी में हुए दो फाड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले पार्टियों को तोड़ना कोई नहीं बात नहीं थी लेकिन अब सियासी दलों को चुराया जा रहा है। चुनाव आयोग को हमारी पार्टी का नाम किसी और को देने का कोई अधिकार नहीं है।

बीजेपी ने तोड़ा वादा?

इससे पहले रविवार को यवतमाल में पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर साल 2019 में बीजेपी सीएम पद शेयर करने के वादे से पीछे नहीं हटी होती तो आज उसके नेताओं को अन्य दलों के नेताओं की खुशामद नहीं करनी पड़ती। उन्होंने कहा कि भविष्य में एकबार फिर से राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना से बनेगा।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैं पोहरादेवी की कसम खाता हूं कि बीजेपी ढाई-ढाई साल के लिए सीएम शेयर करने के लिए राजी हो गई थी। अगर यह प्लान पहले ही लागू हो जाता तो दोनों पार्टियों को अपना सीएम बनाने का मौका मिल जाता लेकिन आज उनके कार्यकर्ताओं को दूसरे दलों के नेताओं की सेवा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”