महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ कई अयोग्यता याचिका दायर की गई थी। इन सभी को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने खारिज कर दिया था। लेकिन अब उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुनवाई करने पर सहमत हो गया है। उद्धव गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश होंगे।

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले को आज सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाना था लेकिन यह नहीं है। उन्होंने कहा, “इसे आज लिस्ट किया जाना था। अगर ये लिस्ट नहीं हुआ तो चुनाव होंगे।” मामले पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “हां, हम इसे लिस्ट करेंगे।” पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के आदेश को चुनौती देने वाली सुनील प्रभु (ठाकरे गुट) की याचिका पर एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 38 विधायकों को नोटिस जारी किया था।

शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे गुट को अयोग्य ठहराने से स्पीकर के इनकार को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने शिंदे गुट की याचिका पर नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट में ठाकरे गुट ने जून 2022 में टूट के बाद शिंदे गुट को ‘असली शिवसेना’ के रूप में मान्यता देने के आदेश को भी चुनौती दी है।

10 जनवरी को आया था स्पीकर का फैसला

संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर करने के लगभग दो साल बाद स्पीकर का फैसला 10 जनवरी को आया था। एकनाथ शिंदे और 38 बागी शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं खारिज करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के फैसले के खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाते हुए ठाकरे गुट ने कहा कि यह निर्णय बाहरी और अप्रासंगिक विचारों के आधार है।

पिछले साल मई 2023 में 11 पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने माना था कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को अयोग्य नहीं ठहरा सकती और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं कर सकती। ऐसा इसलिए क्योंकि उद्धव ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करने के बजाय इस्तीफा देना चुना था।