महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन से समाजवादी पार्टी अलग हो गई है। यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़ी हार झेल चुके विपक्षी गठबंधन के लिए झटका है। एमवीए में यह दरार शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और एमएलसी मिलिंद नार्वेकर के बाबरी मस्जिद विध्वंस की प्रशंसा करते हुए एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट करने के बाद सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र प्रमुख अबू आज़मी ने अपनी पार्टी के फैसले पर खुलकर बात की है। यहां पढ़िए…

समाजवादी पार्टी ने क्यों छोड़ा MVA?

इस सवाल के जवाब में कि सपा ने MVA का साथ क्यों छोड़ा? अबू आसिम आज़मी ने कहा कि एक पार्टी बाबरी मस्जिद के विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई देकर दूसरों की धार्मिक भावनाओं का अनादर करती है, तो गठबंधन का हिस्सा बनना व्यर्थ है। चूंकि शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदुत्व का रुख अपनाया है, इसलिए हमें निर्णय लेना पड़ा।

कांग्रेस और एनसीपी भी एमवीए का हिस्सा हैं। क्या सपा के इस कदम का उनके भविष्य के कदमों पर कोई असर पड़ेगा?

अबू आसिम आज़मी ने कहा कि मैं इस बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि कांग्रेस और एनसीपी हमारी तरह किसी तरह का कदम उठाएंगे या नहीं? या गठबंधन छोड़ देंगे। हालांकि, इन दोनों पार्टियों ने अक्सर खुद को धर्मनिरपेक्ष के रूप में पेश किया है। अगर वे शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन कर रहे हैं जो बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने वालों की खुलेआम प्रशंसा करती है, तो मतदाताओं को उन पर (कांग्रेस और एनसीपी) भरोसा क्यों करना चाहिए?

अबू आसिम आज़मी ने आगे कहा,”विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं को एहसास हुआ कि खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहना उनके लिए मददगार नहीं था। भाजपा और शिंदे सेना उनके वोट छीन रहे हैं। यही कारण है कि वे अपनी हिंदुत्व विचारधारा पर लौट आए हैं।”

सपा ने महाराष्ट्र में छोड़ा उद्धव ठाकरे का साथ, बाबरी मस्जिद से जुड़ी पोस्ट का दिया हवाला, क्या बोले अबू आसिम आजमी?

अबू आसिम आज़मी ने आगे कहा, “एमवीए का कोई भविष्य नहीं है अगर यह एकजुट नहीं रहता है। इस बार (विधानसभा चुनावों में) एमवीए दलों के बीच बहुत कम समन्वय था। उन्होंने सीट बंटवारे पर मेरी राय नहीं मांगी। इन विधानसभा चुनावों में सपा ने दो सीटें जीतीं। लेकिन अगर हमारे गठबंधन दलों ने हमारा समर्थन किया होता, तो हम और सीटें जीत सकते थे।”