Uddhav and Raj Thackeray News: महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल जबरदस्त गर्म है। सालों बाद ठाकरे ब्रदर्स यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर आए हैं। ठाकरे ब्रदर्स के एक मंच पर आने को ‘मराठी मानुष’ के कार्ड से जोड़कर देखा जा रहा है। सवाल यह है कि ‘मराठी मानुष’ का कार्ड महाराष्ट्र में कितना काम करेगा?
उद्धव और राज ठाकरे की रैली में पीछे जो स्क्रीन लगी थी उसमें लिखा था- मराठी की आवाज। बताना होगा कि दोनों भाइयों के साथ आने के ऐलान के बाद फडणवीस सरकार बैकफुट पर आ गई थी और तीन भाषा नीति के तहत जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया था।
सवाल यह भी है कि क्या ठाकरे भाइयों के बीच मतभेद पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे? उद्धव ने अपने भाषण में साफ कहा कि अब हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं। यह बयान वाकई अहम है। महाराष्ट्र में जल्दी ही BMC के साथ ही स्थानीय निकाय के चुनाव भी होने हैं और इस लिहाज से भी ठाकरे ब्रदर्स का साथ आना बहुत बड़ी घटना है।
उद्धव-राज मिलकर चुनाव लड़े तो क्या इससे महाराष्ट्र में BJP को बहुत बड़ा नुकसान होगा?
MNS और शिवसेना (UBT) के लिए चुनौतियां ज्यादा
उद्धव ठाकरे को जब बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना का कार्यकारी प्रमुख बनाया तो राज ठाकरे ने पार्टी को अलविदा कह दिया था और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का गठन किया। शुरुआत में MNS को अच्छी सफलता मिली लेकिन मौजूदा वक्त में पार्टी की कोई बड़ी राजनैतिक हैसियत नहीं है। दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में टूट हुई और अब उद्धव गुट के सामने काफी चुनौतियां हैं।
ऐसे वक्त में जब MNS और शिवसेना (UBT) खराब हालत से गुजर रहे हैं तो ‘मराठी मानुष’ और मराठी अस्मिता के मुद्दे से उन्हें राजनीतिक संजीवनी मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र में लगभग 70% आबादी मराठी भाषा बोलने वालों की है और राज्य में अगले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव 2029 में होने हैं। अगर शिवसेना (UBT) और MNS हाथ मिला लें तो वह मराठी मतदाताओं के बड़े हिस्से को अपने पाले में ला सकते हैं। मुंबई में मराठी समुदाय की आबादी 30 से 35% है और यह BMC के चुनाव में काफी महत्वपूर्ण होगी।
BMC के चुनाव में MNS को 2012 में जोरदार कामयाबी मिली थी तब उसने 28 सीटें जीती थी लेकिन 2017 में यह संख्या घटकर 7 रह गई। शिवसेना ने 2017 में 84 सीटें जीती थी जबकि बीजेपी ने 82 सीटें।
बीजेपी को मिल सकती है कड़ी टक्कर
ठाकरे ब्रदर्स के एक मंच पर आने के बाद स्थानीय निकाय के चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल सकती है। ठाकरे ब्रदर्स ने ‘हिंदी थोपने’ का आरोप लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। महाराष्ट्र में बीजेपी को उत्तर भारतीयों की पार्टी कहा जाता है लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इससे इनकार करते हैं।
फडणवीस कहते हैं कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मिली 132 सीटें ‘मराठी मानुष’ के समर्थन से ही मिली हैं।
बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि उद्धव-राज ठाकरे का गठबंधन केवल BMC चुनाव के लिए है। उनका कहना है कि किसी ठोस एजेंडे के न होने की वजह से इमोशनल मुद्दा काम नहीं करेगा और इस तरह की राजनीति बहुत लंबे वक्त तक नहीं चलती।
यह भी पढ़ें- ‘हिंदी’ के मुद्दे पर पीछे क्यों हट गई फडणवीस सरकार, BJP को होगा इसका नुकसान?