समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू होने से किस पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके क्या असर होंगे, इसको लेकर स्थितियां अभी बहुत कुछ साफ नहीं हैं, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), शिरोमणि अकाली दल (बादल), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी या तो इसके विरोध में खड़े हैं या बिना शर्त समर्थन देने से इनकार कर रहे है। यूसीसी पर अलग नजरिया रखने के बावजूद शिरोमणि अकाली दल की नजर बीजेपी से संभावित गठबंधन पर लगी है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने शुरू में समान नागरिक संहिता को सैद्धांतिक रूप से समर्थन करने के ऐलान के बाद अपने स्टैंड को बदल लिया।
पिछले साल SGPC ने यूसीसी के खिलाफ लिया था संकल्प
एसजीपीसी, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी समान नागरिक संहिता का विरोध बिना किसी फायदे के नहीं कर रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पिछले साल नवंबर में यूसीसी के खिलाफ एक संकल्प तब लिया था, जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने इसको लागू करने का वादा किया था।
अकाली दल भाजपा के खिलाफ कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहती है
शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने सैद्धांतिक रूप से इसका विरोध किया है और इसको लाने के पीछे की जरूरत पूछी है। हालांकि पार्टी ने बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ कड़े शब्दों के प्रयोग से बच रही है। पार्टी ने यूसीसी को आम आदमी पार्टी पर हमले के लिए हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल कर रही है।
AAP के नेता पंजाब में एक तरफ रहते हैं तो राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी तरफ
आम आदमी पार्टी ने शुरू में इस कानून पर सैद्धांतिक रूप से समर्थन की बात कही थी। अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “यह सुनकर धक्का लगा कि आम आदमी पार्टी राज्य सभा में यूसीसी के समर्थन में वोट देना चाहती है, जबकि भगवंत मान पंजाबियों को यह कहकर मुर्ख बना रहे हैं कि पार्टी राज्य में इसके खिलाफ है।”
हालांकि यदि पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला लेती है तो अकाली दल के लिए यह बड़ी मुश्किल स्थिति होगी। ऐसे हालात से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को उस पर हमले करने का मौका मिल जाएगा। इन सबके बावजूद इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए यदि भाजपा और शिरोमणि अकाली दल एक बार फिर एक साथ आ जाएं।
आम आदमी पार्टी स्वयं एक ऐसी स्थिति में है जहां दोहरा रवैया अपनाना पड़ रहा है। एक तरफ पंजाब में सिख समुदाय की भावनाओं का भी ध्यान रखना होगा तो दूसरी तरफ यह खुद को राष्ट्रीय स्तर पर यूसीसी के खिलाफ विरोध की स्थिति में नहीं दिखाना चाहता है। पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के ऐलान से राज्य में कई लोगों को आश्चर्य हुआ कि आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से यूसीसी के समर्थन में है। हालांकि पार्टी को अहसास हो गया कि इससे पंजाब में पार्टी को लेने के देन पड़ जाएंगे। ऐसे में अपने पहले के स्टैंड से पार्टी तुरंत मुकर गई।