देश में सिलसिलेवार तरीके से लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि वैक्सीन लेने के बाद अब तक 2 लोगों की जान चली गई है। लेकिन अब इसपर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इन दोनों लोगों को 16 जनवरी को कोरोना की वैक्सीन दी गई थी। इन दोनों की मौत कार्डियोपल्मोनरी नाम की बीमारी से हुई है। इन मौतों का वैक्सीन से कोई ताल्लुक नहीं है।
यहां आपको बता दें कि बीते रविवार को सबसे पहले 52 साल के महिपाल सिंह की मौत हो गई। महिपाल सिंह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के सरकारी अस्पताल में वार्ड बॉय के तौर पर काम कर रहे थे। एंटी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उनकी मौत हुई थी। तीन डॉक्टरों की टीम ने महिपाल सिंह का पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि cardiopulmonary रोग से महिपाल सिंह की मौत हुई है।
चिकित्सकों ने बताया है कि महिपाल सिंह के फेफड़ों में पस भर गया था और उसके हार्ट में भी यह पस भर हुआ था। यह मौत वैक्सीनेशन की वजह से नहीं हुई है। इस बात की जानकारी Additional Secretary, Ministry of Health & Family Welfare. डॉक्टर मनोहर अगनानी ने दी है।
दूसरी मौत की बात करें तो कर्नाटक के 43 साल के नागार्जुन की मौत सोमवार को हुई थी। मौत से 2 दिन पहले नागार्जुन ने वैक्सीन ली थी। नागार्जुन कर्नाटक के भेल्लाली में स्थित सरकारी अस्पताल का कर्मचारी था। नागार्जुन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया है कि cardiopulmonary failure की वजह से उसकी मौत हुई है। डॉक्टर मनोहर अगनानी ने बताया कि भेल्लारी के विजयनगर इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में नागार्जुन का पोस्टमार्मट किया गया था।
भेल्लारी के डिप्टी कमिश्नर पवन मालापट्टी ने कहा कि नागार्जुन को बेहतरीन चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई गई थी लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। जिन दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह वैक्सीन दी गई है उसमें से किसी भी कर्मचारी को अब तक कोई समस्या नहीं आई है।