पार्टी फंड के नाम पर भाजपायी मंत्री से 3 करोड़ रुपए मांगे जाने के मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को फोन कर कहा था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी फंड के लिए ये रकम मांगी है। पुलिस ने खुलासा किया है कि यह दोनों अमित शाह के आवास और कार्यालय के लैंड लाइन नंबर का इस्तेमाल कर धोखेबाजी की कोशिश कर रहे थे।पुलिस ने पकड़े गए दोनों युवकों की पहचान 47 साल के उपकार सिंह और 42 साल के जगतार सिंह के तौर पर की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने Indian Express से बातचीत करते हुए बताया कि गृहमंत्री के ओएसडी सतीश कुमार ने दिसंबर के पहले हफ्ते में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी।
प्रतिबंधित App से किया गया फोन:
पुलिस के मुताबिक यह घटना उस वक्त सामने आई जब रणजीत सिंह चौटाला को एक ऐप के जरिए फोन किया गया। रणजीत सिंह को फोन करने के लिए ‘Crazy Call’ नाम के एक ऐप का इस्तेमाल किया। यह ऐप देश में प्रतिबंधित है। भाजपायी मंत्री को फोन करने वाले शख्स ने कहा कि वो पार्टी का एक वरिष्ठ अधिकारी बोल रहा है। उसने दावा किया कि वो अमित शाह के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास से बोल रहा है। लेकिन जब मंत्री को बार-बार इस ऐप से फोन आए तब उन्हें फोन करने वाले पर शंका हुई। जिसके बाद उन्होंने अमित शाह के ओएसडी से संपर्क कर उन्हें किये गये फोन के बारे में जानकारी मांगी। जैसे ही रणजीत सिंह को यह पता चला कि अमित शाह के कार्यालय से ‘पार्टी फंड’ में पैसा देने को लेकर कोई भी फोन नहीं किया गया है वो चौक गए। इसके बाद गृहमंत्री के ओएसडी ने दिल्ली पुलिस कमिशनर अमूल्य पटनायक से संपर्क किया।
स्पेशल सेल ने लिया सर्विलांस का सहारा:
इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पास एफआईआर दर्ज कराई गई और स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा को मामले की जांच सौंपी गई। पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए तकनीकि सर्विलांस का सहारा लिया। स्पेशल सेल की टीम को सबसे पहले यह जानकारी मिली की फोन कॉल जिस ऐप के जरिए किया गया है वो देश में प्रतिबंधित है। हालांकि इस ऐप को Opera web browser से डाउनलोड किया जा सकता है।
पुलिस ने बिछाया जाल:
फोन करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया। पार्टी फंड के पैसे लेने के लिए पुलिस ने बीते गुरुवार को उन्हें हरियाणा भवन के पास बुलाया। पुलिस ने यहां से जगतार सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने उपकार सिंह को पकड़ने के लिए चंडीगढ़ में छापेमारी की और गुरुवार की शाम उसे भी धर दबोचा गया। पुलिसिया पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि जगतार हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है। जगतार ने पुलिस को बताया कि वो चमड़ा का व्यापारी है। वहीं चंडीगढ़ के रहने वाले उपकार सिंह के बारे में पता चला है कि वो एक टैक्सी स्टैंड चलाता है।
यू चलाते थे रैकेट:
करीब तीन महिने पहले ही लैंड डील के सिलसिले में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए इन दोनों की मुलाकात हुई थी। अपराध से संबंधित टीवी शो देख कर इन दोनों ने एक मंत्री के साथ ठगी करने की योजना बनाई थी। जिसके बाद उपकार सिंह बाकायदा कॉल स्पूफिंग सीखने लगा। वहीं जगतार सिंह ने हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह के फोन नंबर का इंतजाम किया और फिर उपकार सिंह ने उन्हें फोन किया था। बताया जा रहा है कि उपकार सिंह के पास पीएचडी की डिग्री भी है।
हालांकि रणजीत सिंह ने ऐसे किसी भी कॉल से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा है कि ‘किसी ने भी मुझसे पैसे नहीं मांगे हैं। मैं मंत्रालय के किसी अधिकारी के पास नहीं गया था…मैं एक कैबिनेट मिनिस्टर हूं और मेरे साथ ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है…मुझसे किसी फंड के बारे में संपर्क नहीं किया गया था।’