बेंगलुरु में इंडियो एयरलाइंस के दो विमान आपस से टकराने से बाल-बाल बचे और इस तरह से एक बड़ा हादसा टल गया। रिपोर्ट के अनुसार 7 जनवरी को केंपागोड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंडिगो के दोनों विमानों को टेक ऑफ करने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। दोनों ने एक दिशा में उड़ान भरी थी। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रडार कंट्रोलर ने इस बड़ी गलती को पकड़ लिया और तुरंत दोनों विमानों के पायलटों को इसके बारे में अलर्ट किया। टक्कर से बचने के लिए एक विमान तेजी से बाईं ओर और दूसरा दाईं ओर मुड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने इसकी जानकारी डीजीसीए को नहीं दी ताकि वह जांच और सजा से बच सके।

डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। इस मामले में जांच का आदेश दिया गया है। कुमार ने बताया कि इस चूक के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एक ही समय पर दो विमान उड़ान नहीं भर सकते हैं क्योंकि दोनों रनवे के बीच पर्याप्त दूरी नहीं है। इसके अलावा, एक ही समय पर दो विमान यहां पर लैंड भी नहीं कर सकते हैं।

बेंगलुरु-कोलकाता की फ्लाइट में 176 यात्री और 6 चालक दल के सदस्य थे, जबकि बेंगलुरु-भुवनेश्वर की फ्लाइट में 238 यात्री और 6 चालक दल थे। दोनों विमानों में कुल 426 यात्री थे, जो इस हादसे में बाल-बाल बच गए।

डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि 7 जनवरी को यह घटना सामने आई थी, जब विमान संख्या 6E-455 कोलकाता जाने वाली, 6E-246 भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाइट को एक ही समय पर टेक-ऑफ की अनुमति दे दी गई। उस दिन सुबह, बेंगलुरु एयरपोर्ट के उत्तरी रनवे का इस्तेमाल टेक-ऑफ के लिए और दक्षिणी रनवे का इस्तेमाल लैंडिंग के लिए किया जाना था।

अधिकारी ने बताया, “लेकिन बाद में शिफ्ट इंचार्ज ने फैसला लिया कि सिर्फ एक ही रनवे (उत्तरी) का इस्तेमाल लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए किया जाएगा। इस दौरान साउथ रनवे को बंद रखा जाना था, लेकिन इसकी जानकारी साउथ टावर कंट्रोलर को नहीं दी गई। इसके बाद, साउथ कंट्रोलर ने विमान 6E-455 को उड़ान की मंजूरी दे दी और उसी वक्त नॉर्थ टावर कंट्रोलर ने बिना किसी कम्युनिकेशन के 6E-246 को उड़ान की मंजूरी दे दी। ऐसे में दोनों विमान एक दूसरे की ओर बढ़ रहे थे।”

बेंगलुरू एयरपोर्ट के अधिकारी ने इस बारे में बताया कि दोनों विमान एक ही ओर थे, जबतक वह 3000 फीट की ऊंचाई तक पहुंचे, दोनों ही विमानों के पायलट को इसकी भनक नहीं थी। उसी वक्त रडार कंट्रोलर ने इस बड़ी गलती को पकड़ लिया और पायलट को अलर्ट किया। इसके बाद एक विमान बाएं मुड़ गया और दूसरा विमान दाएं मुड़ गया और एक बड़ा हादसा टल गया।