Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल के अलग-अलग सरकारी हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स ने करीब 42 दिन बाद शनिवार सुबह आंशिक तौर पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी बीच अब एक नया विवाद सामने आया है। बंगाल के बांकुरा जिले में दो छात्राओं ने कोलकाता की डॉक्टर रेप-हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इसलिए उनको प्रोफेसर ने कथित तौर पर क्लास से बाहर कर दिया और उन्हें फिर क्लास में वापस नहीं आने के लिए कहा गया। इसके बाद शनिवार को कॉलेज गेट के बाहर प्रोफेसर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रोफेसर श्यामल संतरा टीएमसी के पूर्व मंत्री हैं।

यह पूरा का पूरा मामला बांकुरा जिले के शारदामणि महिला कॉलेज का है। शुक्रवार को संतरा ने पांचवे सेमेस्टर की जियोग्राफी की छात्रा दीपिका मोंडोल और अपर्णा मोंडोल को क्लास से बाहर जाने को कहा। मोंडोल पिछले महीने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या के खिलाफ बुधवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं थी।

हमें दोबारा क्लास में वापस नहीं आने को कहा- छात्रा

दीपिका ने मीडिया से कहा कि 18 सितंबर को हमने कॉलेज के बाहर सड़क पर पेंटिंग का विरोध किया। कल जब वह संतरा क्लास में आए तो उन्होंने हमें बाहर जाने को कहा। इतना ही नहीं जब हमने उनसे पूछा कि क्या हमारा विरोध करना गलत है। हालांकि, उन्होंने इसका कोई सटीक जवाब नहीं दिया और लगातार कहते रहे कि हमने विरोध किया था, इसलिए हम क्लास में नहीं बैठ सकते हैं। जब उन्होंने हमें बाहर जाने और दोबारा वापस न आने को कहा तो हम हैरान रह गए।

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दीपिका ने कहा कि उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें सस्पेंड कर दिया है और जब हमें दोबारा से क्लास में आना होगा तो बता दिया जाएगा। हमने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम सरकारी अस्पताल के अंदर एक डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के खिलाफ आयोजित किए गए विरोध का हिस्सा थे। हमें नहीं मालूम कि हमने क्या गलत किया है।

प्रोफेसर ने किया अपना बचाव

कॉलेज में जियोग्रॉफी डिपॉर्टमेंट के हेड संतरा ने अपना बचाव किया है। उन्होंने कहा कि हम भी न्याय के लिए विरोध कर रहे हैं। ये दोनों लड़कियां विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए छात्रों से पैसे इकट्ठा कर रही थीं। वे एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ी हैं। बाकी छात्रों की ओर से शिकायत थी कि वे विरोध प्रदर्शन के लिए चंदा मांग रही थीं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल भी अस्वीकार्य है और इसीलिए मैंने उन्हें वहां से चले जाने और क्लास में ना आने के लिए कहा है।

संतरा ने कहा कि हमारे डिपॉर्टमेंट में 250 स्टूडेंट हैं। मैंने यह तय किया कि क्लास में सही माहौल बना रहे। क्लास में किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। वे पैसे लेकर दूसरे छात्रों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे थे। कॉलेज के टीचर इंचार्ज देबब्रत मुखर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छात्रों ने इस मामले को सामने लाया है।

मैं एक मीटिंग बुलाऊंगा और मामले को सुलझाऊंगा। मैं बस इतना ही कह सकता हूं। मुखर्जी ने कहा कि बुधवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी। मुखर्जी ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि मैं परिसर के अंदर इसकी इजाजत नहीं दे सकता। फिर उन्होंने कॉलेज के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।

(रविक भट्टाचार्य की रिपोर्ट)