इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पुलिस के ‘म्यूजिक बैंड’ के खिलाफ भी यह सुनिश्चित नहीं कर पाने को लेकर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है कि राष्ट्रगान बजते समय सभी लोग खड़े रहें।
पुलिस के मुताबिक, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धाराओं 107 और 151 के तहत 12 लोगों को ‘निरुद्ध’ किया गया है। ये दोनों धाराएं अधिकारियों को अपराध की आशंका होने पर किसी व्यक्ति को बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहने या गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अधिकार देती हैं।
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 25 जून को आयोजित ‘पेडल फार पीस’ साइकिलिंग कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजाए जाते वक्त कुछ लोग खड़े नहीं हुए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्रगान के ‘अपमान’ किए जाने पर कड़ा रुख अपनाया और कथित उल्लंघन की जांच शुरू की।
पुलिस ने पहले बताया था कि राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ पुलसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है, लेकिन बाद में श्रीनगर पुलिस ने एक ट्वीट के जरिये इस खबर को गलत बताया और कहा कि उसने सीआरपीसी की धाराओं के तहत 12 लोगों को केवल ‘निरुद्ध’ किया है, न कि उन्हें गिरफ्तार किया है।
श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया, ‘एक असत्यापित खबर प्रसारित की जा रही है कि राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में 14 व्यक्तियों/पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार/निलंबित किया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह खबर पूरी तरह से गलत है।’ उसने कहा कि सीआरपीसी की धाराओं 107/151 के तहत 12 लोगों को ‘निरुद्ध’ किया गया है।
क्या है पाबंद होना
दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धाराओं 107 और 151 के तहत 12 लोगों को मुचलका पाबंद किया गया है। ये दोनों धाराएं अधिकारियों को अपराध की आशंका होने पर किसी व्यक्ति को बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहने या गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अधिकार देती हैं।