नीतीश राज में बीजेपी के जमीन घोटाले को उजागर करने वाले बिहार के टीवी चैनल कशिश न्यूज ने आज (शुक्रवार को) एक नया खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक एक ही प्लॉट को अलग-अलग कैटगरी में खरीदा गया। चैनल के मुताबिक जमीन के एक हिस्से को रेशिडेंसियल तो दूसरे को कॉमर्शियल रेट पर बेचा और खरीदा गया है। इससे बिहार के सरकारी खजाने को लाखों रुपये का चूना लगा है। हद तो तब हो गई जब एक ही प्लॉट को अलग-अलग लोगों द्वारा बेचा गया। यानी अगले हिस्से को अगर पति ने बेचा तो जमीन के पिछले हिस्से को पत्नी ने बेचा है। इस खेल से साफ जाहिर है कि जानबूझकर और सोच-समझकर ऐसा किया गया है ताकि निबंधन शुल्क कम से कम देना पड़े। चैनल ने यह भी दावा किया है कि राज्य के कई जिलों में बीजेपी ने इन जमीनों को नकद पैसा देकर नवंबर के पहले हफ्ते में खरीदी है।
चैनल ने जमीन खरीद के कथित दस्तावेज भी साझा किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नोटबंदी से ठीक पहले नवंबर के पहले हफ्ते तक बीजेपी ने बिहार एवं अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।
मामला उजागर होने के बाद बीजेपी विरोधी दलों के निशाने पर आ गई है। जनता दल यूनाइटेड ने इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मुद्दे को उठाते हुए इसे कालाधन को ठिकाने लगाने वाली करतूत करार दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी अगस्त 2016 से ही देश के अलग अलग हिस्सों में जमीन खरीद रही थी। वेबसाइट ने बिहार से मिली जमीन खरीद के दस्तावेज के आधार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ये संपत्तियां अपने कार्यकर्ताओं के नाम पर खरीदी हैं। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता और विधायकों को सिग्नेटरी बनाया गया है। वेबसाइट ने दावा किया है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े ये दस्तावेज बिहार सरकार की भूमि जानकारी संबंधी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
https://twitter.com/JanatadalU/status/802103221426810880
https://twitter.com/JanatadalU/status/802061331851542528
It was done just before demonetisation mostly in the name of BJP Prez Amit Shah.Modiji's mask of fighting black money is off #नोटबंदी_घोटाला pic.twitter.com/eVoFV5dxDI
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 25, 2016

