राजस्थान में भाजपा संगठन के चुनावों में भीतरी कलह उजागर होने से पार्टी की खासी किरकिरी हो रही है। पार्टी के 39 जिलों में से 25 में चुनाव हो जाने से अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता भी साफ हो गया है। पार्टी ने जिला अध्यक्षों में ज्यादातर पर पुराने अध्यक्षों को ही फिर से मौका दिया गया है तो आधा दर्जन जिलों की कमान विधायकों को सौंपी गई है।

प्रदेश भाजपा के जिला और मंडल स्तर के संगठन चुनाव आम राय से हो गए है। प्रदेश चुनाव अधिकारी श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि 25 जिलों के चुनाव हो जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व किसी दूसरे प्रदेश के नेता को चुनाव अधिकारी बना कर भेजेगा। शर्मा ने दावा किया कि ज्यादातर जिलों में आम राय से चुनाव हुए है। चुनाव को लेकर आई शिकायतों की जांच वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी को सौंपी गई है।

शर्मा ने बताया कि जिन जिलों में चुनाव नहीं हो पाए हैं वहां अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद मनोनयन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह ज्यादातर जिलों में पुराने ही अध्यक्ष बनाए गए हैं उसी तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अशोक परनामी फिर से चुने जाएंगे। परनामी के नाम पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पूरी सहमति है। परनामी अभी मनोनीत अध्यक्ष के तौर पर है। उन्हें जिला अध्यक्ष और विधानसभा प्रतिनिधि फिर से बागडोर सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।

चुनाव अधिकारी शर्मा ने बताया कि अजमेर शहर, बांसवाड़ा, जोधपुर शहर, सीकर, कोटा शहर, भीलवाड़ा, उदयपुर देहात, जैसलमेर,धौलपुर , डूंगरपुर, बंूदी, और श्रीगंगानगर जिलों में चुनाव रोके गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही इन जिलों में अध्यक्ष मनोनीत किअ जाएंगे। चित्तौड़गढ, नागौर, जोधपुर देहात, झालावाड़ और बीकानेर देहात में विधायकों को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। नागौर में विधायक मंजू बाघमार को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नागौर जिले में विधायकों और सांसद की खींचतान और जातीय खेमेबाजी के चलते विवाद पनप गया था। दलित वर्ग की महिला विधायक के नाम पर सभी नेता एकमत हो गए और उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी में विवाद जयपुर शहर में भी था।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि जयपुर शहर में दो वरिष्ठ विधायकों के मुख्यमंत्री विरोधी खेमे में होने के कारण उनके मंडलों के चुनाव रोक दिए गए। इनमें विधायक घनश्याम तिवाड़ी के सांगानेर और नरपत सिंह राजवी के विद्याधर नगर मंडल में तो विवाद गहरा गया। राजवी ने तो चुनाव में धांधली को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक शिकायत भेजी है। उनका आरोप रहा कि उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और मनमर्जी से चुनाव को स्थगित कर दिया गया। करौली, अलवर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, पाली, झुंझनंू और जयपुर शहर के चुनाव की कई शिकायतें प्रदेश स्तरीय समिति के पास पहुंची है। चुनाव को लेकर आई शिकायतों पर कोई फैसला नहीं लिए जाने से भी पार्टी नेताओं में नाराजगी पनपी हुई है।