ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल (तलाक-ए-बिद्दत) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार पर बड़ा हमला बोला है। गुरुवार (27 दिसंबर) को लोकसभा में उन्होंने कहा कि आपकी आस्था, आस्था है और हमारी आस्था कुछ भी नहीं है। यह बात उन्होंने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कही।

ओवैसी बोले, “सबरीमाला पर जब फैसला (सुप्रीम कोर्ट का) आया था, तब आप अपनी आस्था की बात करते हैं। क्या मुस्लिमों की आस्था नहीं होती? आपकी आस्था, आस्था है, पर मेरी आस्था, आस्था नहीं है? क्या यह संस्कृति का उल्लंघन नहीं है? क्या यह संविधान के अनुच्छेद 29 का उल्लंघन नहीं है? सरकार का इस मसले पर इरादा साफ नहीं है।”

बकौल एआईएमआईएम नेता, “मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपकी क्या विवशता थी? सुप्रीम कोर्ट समलैंगिकता को अपराध नहीं मानता और आप हैं कि तीन तलाक को अपराध मानते हैं…ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि इसे हमारे (मुस्लिमों) खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा। समलैंगिकों को जब चुनने का अधिकार दिया गया है, तो फिर अल्पसंख्यकों (हमें) विकल्प क्यों नहीं मिलता? यह मुस्लिमों के न्याय के लिए नहीं है।”

ओवैसी के मुताबिक, “मैं इस बिल का विरोध संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 26 और 29 व उसकी प्रस्तावना के आधार पर कर रहा हूं, जहां साफ-साफ लिखा है कि संविधान के तहत विचार, अभिव्यक्ति, आस्था और पूजा करने की आजादी मिलती है।”

बता दें कि तलाक-ए-बिद्दत पर रोकथाम के मकसद से लाया गया मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हुआ। हालांकि, इससे पहले दो बार हो-हल्ला और विरोध भी हुआ था। यहां तक कि कांग्रेस के साथ कुछ विपक्षी दल के नेता सदन से उठ कर चले गए थे, जिसके बाद वोटिंग हुई थी। बिल के पक्ष में 245 वोट पड़े, जबकि विरोध में 11 लोगों ने मत दिया। ओवैसी ने इसके पारित होने के बाद कहा था कि यह मुस्लिम महिलाओं को सड़क पर लाने वाला कानून है। उनके मुताबिक, इसका गलत इस्तेमाल किया जाएगा।