दूरसंचार नियामक आयोग(ट्राई) ने फेसबुक की फ्री बेसिक्‍स योजना को तगड़ा झटका देते हुए नेट न्‍यूट्रेलिटी के पक्ष में फैसला दिया है। ट्राई ने कहा कि, इ्ंटरनेट सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियां अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए कीमतों के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती हैं। ट्राई ने कहा कि कंपनियां आपातकालीन सेवाओं के लिए दरों में कमी कर सकती है। इसके लिए उन्‍हें 7 दिन में ट्राई को जानकारी देनी होगी।

ट्राई ने अागे कहा कि, सभी कंपनियों को इस तरह के टैरिफ बंद करने को कहा है। जो भी इसका उल्‍लंघन करेगा उस पर 50 हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माना लगाया जाएगा। ट्राई के इस फैसले से सीधे सीधे फेसबुक की महत्‍वाकांक्षी फ्री बेसिक्‍स योजना को झटका लगा है। फेसबुक ने पिछले दिनों दुनियाभर में लगभग 36 विकासशील देशों में इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत मोबाइल फोन पर अलग अलग वेबसाइट्स काे सर्फ करने पर अलग अलग रेट थी। जबकि फेसबुक और उसकी मैसेजिंग सेवा का उपयोग फ्री था।

आलोचकों का कहना था कि इस योजना के जरिए नेट न्‍यूट्रेलिटी के सिद्धांत का उल्‍लंघन हो रहा है। नेट न्‍यूट्रेलिटी का मतलब है कि इंटरनेट की दरें सबके लिए समान है। इसके तहत नेट पर हर तरह के कंटेट को सर्फ करने पर एक ही दर लगेगी।

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