हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के पर्यटन निदेशक एवं प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने कहा कि नए पर्यटन स्थलों के बारे में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए पर्यटन विभाग ऐसे स्थानों को बढ़ावा दे रहा है ताकि प्रसिद्ध इलाकों से दबाव को कम किया जा सके।

उन्होंने कहा, हमने प्रदेश के हर जिले में नए पर्यटन क्षेत्रों की एक-एक मिनट का वीडियो बनाया है और इन क्षेत्रों में अवसंरचना का विकास कर रहे हैं। इसका उद्देश्य आजीविका के साधन स्थानीय स्तर पर ही प्रदान करना और कृषि, ‘एडवेंचर’ और ‘इको टूरिजÞम’ को बढ़ावा देना है। विभाग के अनुसार, 2022 में लगभग 1.51 करोड़ पर्यटक हिमाचल प्रदेश आए और राज्य आने वाले सैलानियों की संख्या इस साल 72 लाख से अधिक हो गई है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, नए गंतव्यों में चंबा में पांगी घाटी, लाहौल और स्पीति में कोमिक, काजा, सिस्सु और रंगरिक, किन्नौर में नाको और रक्षम (सांगला और चितकुल के बीच) शामिल हैं। लोकप्रिय स्थल जाने वालों का भी रुझान अब मशोबरा, कुफरी, फागु, नारकंडा, मटियाना, संधू कोटगढ़, कोटखाई (शिमला से आगे), पालमपुर, योल, धर्मशाला के पास धाड़ी, मनाली के पास नग्गर और तोश और मंडी में झंझेली जैसे उपनगरों की ओर है। इस बदलाव का प्रमुख कारण इन कम लोकप्रिय स्थलों तक यात्रा करने में परेशानी का ना आना है।

मटियाना घूमने आए लखनऊ निवासी मयंक ने कहा, मैं शांति और सुकून की तलाश में था और इसलिए, मटियाना में रहने के लिए एक ‘होमस्टे’ बुक किया। घर का बना खाना, प्राकृतिक सुंदरता और गांव के जीवन की झलक के साथ यह एक अद्भुत अनुभव था। करनाल के अश्विनी ने कहा, समय कीमती है और मैं अपनी चार दिन की छुट्टियों का अधिकतम उपयोग करना चाहता था।

इसलिए, मैंने सोलन के पास गिरि में एक दूरस्थ स्थान को चुना और इसने मुझे यातायात जाम और पार्किंग की समस्या से बचाया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल में कहा था कि कांगड़ा को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।