गुलाम नबी आजाद : राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। इनके नेतृत्व में ही कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखा गया। वे वाशिम (महाराष्ट्र) से सातवीं और आठवीं लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
आनंद शर्मा : पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाए गए थे। वे मूलत: हिमाचल प्रदेश से हैं। 2016 में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया था।
कपिल सिब्बल : देश के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल पंद्रहवी लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री व 14 वीं लोकसभा में विज्ञान एवं तकनीकी मामलों के मंत्री रह चुके हैं। वे कांग्रेस से दिल्ली के चांदनी चौक के सांसद रहे हैं।
मनीष तिवारी : 17वीं लोकसभा में आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के सांसद हैं। 2012 से 2014 तक केंद्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। 2009 से 2014 तक लुधियाना से सांसद रह चुके हैं। पेशे से वकील हैं और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट से जुड़े रहे हैं।
शशि थरूर : केरल के थिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद हैं। वे विदेश मामलों से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। केंद्र की यूपीए सरकार में विदेश मंत्रालय व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री रह चुके हैं।
विवेक तन्खा : सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और मध्य प्रदेश से राज्यसभा से संसद सदस्य हैं।
मुकुल वासनिक : यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री थे। वे 2009 से 2014 के दौरान रामटेक लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे। वे कांग्रेस के महासचिव हैं।
जितिन प्रसाद : पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री हैं। वे 15वीं लोकसभा में लखीमपुर खीरी की धौरहरा सीट से चुनकर पहुंचे थे। वे अतीत में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व पीवी नरसिंह राव का करीबी माना जाता था।
भूपिंदर सिंह हुड्डा : मार्च 2005 से अक्तूबर 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। अक्तूबर 2009 में कांग्रेस के दोबारा जीतने पर उनकी दूसरी पारी की शुरुआत हुई थी।
राजिंदर कौर भट्टल : वे पंजाब की पहली एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रही हैं। पंजाब के लेहारा से कांग्रेस के टिकट पर 1992 से लगातार पांच बार चुनाव जीती हैं।
एम वीरप्पा मोइली : वे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्र में पेट्रोलियम व कानून मंत्री भी रह चुके हैं। चिक बल्लाल्लपुर लोकसभा क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सांसद हैं।
पृथ्वीराज चव्हाण : 15वीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में विज्ञान एवं तकनीकी, भू विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, जन शिकायत, पेंशन एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं।
पीजे कुरियन : केरल से आने वाले पीजे कुरियन 30 जून 2018 तक राज्यसभा में उपाध्यक्ष रहे। वे लोकसभा से छह बार चुने जा चुके हैं। तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
अजय सिंह : कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह चुरहट से विधायक और मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष थे।
रेणुका चौधरी : 14 वीं लोकसभा में खम्मम संसदीय सीट से सांसद रही हैं। वे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं।
मिलिंद देवड़ा : वे 2004 में लोकसभा से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद अगस्त 2004 की ही रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति के सदस्य रहे। 2008 में उन्हें शहरी विकास समिति का सदस्य भी बनाया गया था।
राज बब्बर : फिल्म अभिनेता राज बब्बर तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
अरविंदर सिंह लवली : दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे। इनके पास शिक्षा, शहरी विकास, गुरुद्वारा चुनाव, पर्यटन जैसे अहम मंत्रालय थे।
कौल सिंह ठाकुर : हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री रहे। इनके पास दो बार हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष का भी कार्यभार रहा।
अखिलेश प्रसाद सिंह : मार्च 2018 में इन्हें बिहार से राज्यसभा सांसद चुना गया। इससे पहले 14वीं लोकसभा में वे राजद के टिकट पर मोतीहारी से सांसद चुने गए थे।
कुलदीप शर्मा : वे हरियाणा की राजनीति से जुड़े रहे हैं और गन्नौर से विधानसभा 2009 में जीते थे। 2014 में भी चुने गए थे और सदन के अध्यक्ष भी रहे हैं।
योगानंद शास्त्री : दिल्ली में तीन बार मालवीय नगर विधानसभा से अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। 2008 से 2013 तक दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष भी बने।
संदीप दीक्षित : दिल्ली की पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस से सांसद रहे हैं। 15वीं लोकसभा में संदीप दीक्षित ने जीत दर्ज कराई थी। वे पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं।
: सामग्री संकलन :
पंकज रोहिला/दीपक रस्तोगी

