Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को कई मुद्दों पर अपनी खुलकर राय रखी। उन्होंने स्वतंत्रता पूर्व महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार रखे। गवई ने कहा कि उस वक्त महिलाओं को सबसे ज्यादा दलित माना जाता था। उन्हें शिक्षा पाने के लिए कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। कुछ मामलों में तो उनकी स्थिति अछूतों से भी बदतर थी।
जस्टिस गवई ने हालांकि, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका ने महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि पिछले 75 वर्षों में सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग उच्च पदों पर पहुंचे हैं। महाराष्ट्र में मुख्य सचिव और डीजीपी महिलाएं हैं। न्यायालयों की भूमिका सकारात्मक रही है। उन्होंने कहा कि यह सब भारत के संविधान और बीमराव अंबेडकर की वजह से ही संभव हो पाया है।
गवई ने कहा कि यह उनकी (भीमराव अंबेडकर) दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि हम सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में आगे बढ़े हैं। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका ने संविधान और नीति निर्देशक सिद्धांतों को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हमारे संविधान में सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास करें। यही संविधान और एस.एन. भुइयां को श्रद्धांजलि देने का एकमात्र तरीका होगा।
इस दौरान जस्टिस गवई ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले का जिक्र किया। साथ ही इसको सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक न्याय के आदर्शों को आगे बढ़ाने में यह एक मील पत्थर है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा से मौलिक अधिकारों के पक्ष में रहा है और समय के साथ कई अधिकार विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में केशवानंद भारती सामाजिक और आर्थिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय न्यायशास्त्र में एक मील का पत्थर है।
बता दें, जस्टिस गवई ने यह बातें शनिवार को कहीं। वह गुवाहाटी में एसएन भुइयां शताब्दी समारोह में व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यान का विषय था ‘भारत के संविधान के 75 वर्ष: डॉ अंबेडकर का दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय’। सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस उज्जल भुइयां के पिता स्वर्गीय एस.एन. भुइयां ने असम के महाधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया था।