नीरज चौधरी
2024 Election: बिहार के मुख्यमंत्री (Bihar CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 2024 के आम चुनाव में बीजेपी (BJP) से मुकाबले के लिए जनता परिवार (Janta Parivar) को साथ लाने की कोशिश में जुटे हैं। 90 के दशक में अलग-अलग पार्टियों में टूट चुके जनता दल के टुकड़ों को फिर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
जद (यू) अध्यक्ष ने की थी पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा से मुलाकात
इस महीने की शुरुआत में, जब संसद सत्र चल रहा था तो नीतीश कुमार ने जद (यू) के अध्यक्ष ललन सिंह (Lallan Singh) को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा (HD Devegowda) से मिलने के लिए भेजा था। इस मुलाकात में ललन सिंह यही संदेश देना चाहते थे कि जद (यू) और जद (एस) का विलय कर देना चाहिए। जब ललन सिंह और देवेगौड़ा साथ में थे तो नीतीश ने उनसे बात की और पुरानं जनता परिवार को फिर से मिलाने के लिए पिच बनाई। मुलाकात को लेकर ललन सिंह ने दावा किया कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। हालांकि, उनकी तरफ से हां या ना में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। इसके अलावा, ललन सिंह का यह भी दावा है कि हरियाणा में इनेलो भी कथित तौर पर विलय के विचार के खिलाफ नहीं है।
क्या है Nitish Kumar की रणनीति?
ललन सिंह ने कहा, “अगर हमें 2024 की लड़ाई को गंभीरता से लड़ना है, तो पुराने जद घटकों को फिर से मिलाना हमारे एजेंडे का हिस्सा है।” वहीं, नीतीश ने अपने सहयोगी राजद के साथ इस विषय पर चर्चा की थी। नीतीश की रणीनिति का प्लान ए है कि पुराने जनता दल को एकजुट किया जाए। इसके बाद, क्षेत्रीय समूहों को समर्थन के लिए लाएं। तीसरी रणीनिति है कि कांग्रेस को सहायक पार्टी के रूप में लाएं और अगर ये काम नहीं करता है तो पुराने बी प्लान के तहत ज्यादा से ज्यादा गैर-बीजेपी क्षेत्रीय संगठनों को एक मंच पर लाएं फिर समर्थन के लिए कांग्रेस तक जाएं।
1989 में वीपी सिंह बने थे प्रधानमंत्री
हालांकि, 2023, 1988 नहीं है जब वीपी सिंह जनता दल बनाने के लिए चार प्रमुख विपक्षी दलों को एकजुट करने में कामयाब हुए थे। वहीं, उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ राय तेजी से बदल रही थी, जिसके चलते वीपी सिंह एक स्पष्ट चुनौती के रूप में उभरे और इन पार्टियों के कांग्रेस पर कब्जा करने के लिए विलय करने के लिए जमीनी स्तर पर दबाव था। इसके चलते 1989 में वीपी को पीएम के रूप में स्थापित किया गया, 1996 में देवेगौड़ा और आईके गुजराल को पीएम के रूप में और 1997 में जनता दल के नेतृत्व वाले गठबंधन के प्रमुख के रूप में स्थापित किया गया।
2023 में 10 राज्यों के चुनाव 2024 के लिए गति निर्धारित करेंगे। अगर कांग्रेस कर्नाटक में जीतती है, तो उसे 2024 में अपनी बड़ी लड़ाई के लिए बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कांग्रेस को अगली सर्दियों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है और मध्य प्रदेश में भी पार्टी के लिए स्थिति आसान नहीं है।