ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में कांग्रेस के कई नेताओं के टीएमसी में शामिल होने के बाद दोनों दलों के बीच आई खटास का असर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी दिखाई दे सकता है। तृणमूल ने साफ कर दिया है कि आगामी संसद सत्र में कांग्रेस के साथ सहयोग करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
एक तरफ टीएमसी को कांग्रेस के साथ सहयोग करने में दिलचस्पी में नहीं हैं, वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी को अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय में कोई समस्या नहीं है। पीटीआई के मुताबिक, टीएमसी के एक नेता ने कहा, “हम जनता के हित से जुड़े कई मुद्दों को उठाएंगे और उनके साथ समन्वय करेंगे। लेकिन हम शायद कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल नहीं होंगे।”
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने कांग्रेस को सलाह दी और कहा कि उन्हें आंतरिक समन्वय करते हुए अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए। पार्टी के फैसले की जानकारी रखने वाले टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के साथ समन्वय करने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है।
टीएमसी नेता ने कथित तौर पर कहा, ”तृणमूल 29 नवंबर को कोलकाता में ममता बनर्जी के आवास पर अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक बुलाएगी। टीएमसी नेता ने कथित तौर पर कहा कि कांग्रेस नेताओं में भगवा पार्टी से मुकाबला करने की इच्छा शक्ति नहीं है।”
जानकारी के मुताबिक, लोकसभा नेता सुदीप बनर्जी, राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन, पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक के दौरान कांग्रेस के साथ समन्वय नहीं करने के फैसले को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
टीएमसी का ये रुख ऐसे समय में सामने आया है जब राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस तृणमूल सहित सभी विपक्षी दलों के साथ समन्वय करेगी। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा जो 23 दिसंबर तक चलेगा।