केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत के उद्योग घरानों पर राष्ट्रहित की अनदेखी का आरोप लगाया, उन्होंने खास तौर पर टाटा ग्रुप की आलोचना की। उद्योग मंत्री के बयान पर विवाद उस वक्त खड़ा हो गया, जब ट्रेड एसोसिएशन ने अपने यूट्यूब चैनल से उनके संबोधन का 19 मिनट का एक वीडियो हटा दिया। गोयल ने टाटा ग्रुप द्वारा प्रस्तावित ई-कामर्स नियमों पर आपत्ति जताने की आलोचना की थी। द हिंदू अखबार ने वीडियो रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए बताया कि मंत्री ने कहा कि हम सभी को मैं, मैं, मेरी कंपनी वाले एटीट्यूड से ऊपर उठने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर तमाम विपक्षी दलों की तरफ से प्रतिक्रिया आई। टीएमसी ने उनके इस बयान को शेखी बघारने वाला बताया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि CII की मीटिंग में केंद्रीय मंत्री अनर्गल शेख़ी बघारते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके ऊपर एक अंडरपरफॉर्मिंग वन मैन शो में काम करने का दबाव रहा होगा।
वहीं पीयूष गोयल पर कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने भी निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह बयान देकर पीयूष गोयल ने PM के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इन इंडिया’ के नारे का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि खुद को राष्ट्रवादी बताने के नाटक में भाजपा के मंत्री सरकार की भक्ति औऱ देश भक्ति में कंफ्यूज हो गए हैं।
इसके अलावा शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पीयूष गोयल के बयान को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि CII को वीडियो हटाने के बजाय केंद्रीय मंत्री से माफी की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जानी चाहिए।
पीयूष गोयल के समर्थक माने जाने वाले पूर्व नौकरशाह अनिल स्वरूप ने इस बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि मेरी राय में इस तरह के बयान ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि गोयल जैसा अनुभवी मंत्री इस तरह के बयान देकर उद्योग जगत के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाएंगे, मुझे लगता है कि जल्द इसका सही वर्जन जनता के सामने आएगा।
बताते चलें कि पीयूष गोयल ने टाटा संस का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उपभोक्ताओं की मदद के लिए बनाए गए नियमों का विरोध किया। हम सभी को इस दृष्टिकोण से परे जाने की जरूरत है। उद्योग जगत से लेकर विपक्ष तक ने उद्योग मंत्री की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।