अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी की कंपनियों में किसका पैसा लगा ये बात अभी तक रहस्य है। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए सवाल पूछा कि क्या वो इसका जवाब देगी। उनका कहना था कि शायद संसद में जवाब मिले?
महुआ ने अपने ट्वीट में लिखा- दो हफ्ते हो गए लेकिन हमें अभी तक ये नहीं पता कि अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने वाला कौन था। मुंबई एयरपोर्ट का सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिला है। होम मिनिस्ट्री को पक्का पता है कि कौन शेयरधारक है। सारा देश जानना चाहता है कि अडानी की कंपनियों में कौन पैसा लगा रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद भारत सरकार संसद में ही इन सवालों का जवाब देगी।
उधर, यूजर्स ने तंज कसते हुए कहा कि संसदः क्या ये अभी तक लोकतांत्रिक तरीके से चलाई जा रही है। एक ने कहा कि जवाब मिलेगा लेकिन बंद लिफाफे में। राजीव ने लिखा कि क्या आपको लगता है कि मोदी सरकार संसद में जवाब देगी। उन्होंने ये भी पूछा कि सरकार जवाब देती है तो क्या गारंटी है कि जवाब सही होगा।
2 weeks & we still don’t know whose money in Adani cos.
Security clearance imperative to takeover Mumbai airport. If so, Home Ministry clearly knows who owns shares.
Nation would certainly like to know. Maybe GoI will only answer in Parliament.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) June 27, 2021
अडानी ग्रुप लगातार चर्चा में है। जून के मध्य में अडानी ग्रुप के तीन विदेशी निवेशकों के डीमैट अकाउंट को फ्रीज करने की खबर आई। इसके बाद ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर्स 25 फीसदी टूट गए।
गौतम अडानी ग्रुप की तरफ से आए बयान में कहा गया उसके पास NSDL ई-मेल में स्पष्टीकरण है कि इन तीन विदेशी खातों को फ्रीज नहीं किया गया है। ऐसी खबरें पूरी तरह से भ्रामक और गलत हैं। ये तीन विदेशी फंड ग्रुप कंपनियों में टॉप शेयरहोल्डर हैं।
उधर, अडानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उन्हें एक और झटका लगा है। उनकी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में निवेश करने वाली नॉर्वे की सबसे बड़ी पेंशन फंड KLP कंपनी ने अचानक अपने हाथ खींच लिए हैं। केएलपी अब प्रोजेक्ट से एग्जिट करना चाहती है। उसके मुताबिक कंपनी के संबंध म्यामांर की मिलिट्री से है जो उसकी नीतियों के खिलाफ है।