CAA, NRC और NPR के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में महिलाओं के प्रदर्शन को महीने भर से अधिक का वक्त हो चुका है। सोमवार को इसी मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में सामाजिक कार्यकर्ता कौशलकांत मिश्रा ने कहा कि यह मामला (नागरिकता विवाद) सुप्रीम कोर्ट में है। 143 सांकेतिक याचिकाएं दी जा चुकी हैं। फिर ऐसी क्या आफत है कि शाहीन बाग को जंग का मैदान बना दिया गया है? यह ऐसा जंग का मैदान है, जहां पाकिस्तानपरस्ती की बात होती हैं। और, यह एक दिन की बात नहीं है, बल्कि रोज वहां से ऐसा वीडियो आता है, जो देश में आग लगाने का काम करता है। अगर शाहीन बाग वाले सिर्फ संविधान के लिए लड़ रहे हैं और वे देश की बात करते हैं, तब फिर वे ऐसे लोगों (भड़काऊ बातें करने वाले) को स्टेज से उठाकर बाहर क्यों नहीं फेंकते? जब देखो, तब वे देश को तोड़ने की बात करते हैं?
इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रवक्ता तौसीफ खान ने टोका और पूछा कि आप कानून पर बैठकर फैसला लेंगे? आप कौन होते हैं…देश में कानून चलेगा। आपका जिसका मन करेगा, उसे उठाकर फेंक देंगे क्या? आपका राज चल रहा है क्या? आपकी जागीरदारी है क्या भारत में? कानून के हिसाब से चीजें चलेंगी न…। कानून आपका है, पुलिस आपकी है, आप ऐक्शन लीजिए न।
हालांकि, इस पर न्यूज एंकर रोहित सरदाना ने उन्हें दुरुस्त करते हुए पूछा- जागीरदारी भी तो आपकी नहीं है। आपने भी तो बंगाल में प्रस्ताव पास कर दिया…जागीदारी तो आपकी भी नहीं है।
डिबेट में आगे सरदाना ने राजनीतिक विश्लेषक चेतन सिंह को बोलने का मौका दिया, जो हाल ही में शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे थे। और, वहां उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित भी किया था। सिंह ने बताया- यह छोटी बीमारी कैंसर में बदलती जा रही है। कैसे एक शाहीन बाग पूरे देश में फैलता जा रहा है। कुछ शाहीन बाग के मंच से एक इमाम बोलता है, उसके बाद कपिल मिश्रा (बीजेपी) बोल देते हैं। हमें इन दोनों पर ध्यान देना होगा। देखिए, डिबेट में उन्होंने और क्या कहाः

