शांतनु चौधरी, अत्री मित्रा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जो बंपर जीत मिली उसका असर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में दिखाई दे रहा है। बता दें कि केएमसी चुनाव के नतीजे मंगलवार को आए। टीएमसी ने 144 में से 134 वार्डों में जीत हासिल की। वहीं भाजपा को जहां हार का सामना करना पड़ा तो वोट शेयर में भी उसे भारी गिरावट देखने को मिली।
मंगलवार को टीएमसी ने केएमसी पर लगातार तीसरी बार कब्जा कर लिया। इस चुनाव में भाजपा को 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा। वहीं 2-2 सीटों पर वाम मोर्चा और कांग्रेस को सफलता मिली है। शेष तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों जीत मिली है। बता दें कि लेफ्ट 65 वार्डों में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि भाजपा 48 में उपविजेता रही। वहीं कांग्रेस ने 16 वार्डों में दूसरा और निर्दलीय ने पांच में स्थान हासिल किया।
2015 का हाल: केएमसी के पिछले चुनाव नतीजों पर गौर करें तो 2015 में टीएमसी ने 124 वार्ड, लेफ्ट ने 13, बीजेपी ने पांच और कांग्रेस ने दो वार्डों में जीत हासिल की थी। वोट शेयर के मामले में, सत्तारूढ़ दल को डाले गए वोटों का लगभग तीन-चौथाई (72.16 प्रतिशत) मत मिला। पिछले निकाय चुनावों के मुकाबले टीएमसी ने अपने वोट शेयर में 22 प्रतिशत की वृद्धि पाई है।
वोट शेयर में भी भाजपा को मिली मायूसी: लेफ्ट वोट शेयर के मामले में भाजपा के मुकाबले आगे नजर आई है। बता दें कि भाजपा को 9.19 प्रतिशत और वाम दल को 11.87 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। भाजपा का वोट शेयर 2015 की तुलना में 6 फीसदी और विधानसभा चुनावों के बाद 20 कम फीसदी रहा। वामपंथी दलों को 2015 के निकाय चुनावों की तुलना में 13 प्रतिशत कम वोट मिले लेकिन विधानसभा चुनावों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक वोट मिले।
कांग्रेस की बात करें तो उसे केएमसी चुनाव में 4.13 फीसदी वोट मिले जबकि निर्दलीय को 2.43 फीसदी वोट मिले। टीएमसी की बंपर जीत पर कोलकाता के मेयर और राज्य मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, “यह जीत कोलकाता के लोगों की है। लोगों ने हमपर विश्वास जताया है। इससे हमपर जिम्मेदारी भी आती है।”