उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां पार्टी की वरिष्ठ नेता और तीन बार प्रतापगढ़ से सांसद रहीं राजकुमारी रत्ना सिंह अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गईं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। एक ट्वीट की जरिए न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है। बता दें नेताओं के निधन और कुछ के सांसद बनने के बाद खाली हुईं विधानसभा सीटों में हाल के दिनों उप चुनाव होने हैं। ऐसे में रत्ना सिंह का कांग्रेस छोड़ना प्रदेश में पार्टी की उपस्थिति को खासा कमजोर करेगा।

उल्लेखनीय है कि रत्ना उस राजपरिवार से हैं, जो शुरू से कांग्रेसी रहा है। उनके परिवार के रामपाल सिंह कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। पिता राजा दिनेश सिंह कांग्रेस की सरकार में विदेश मंत्री रहे थे। बताया जाता है कि राजा सिंह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खासे करीबी थी। एक समय उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। नेहरू-गांधी परिवार से उनकी करीबी को महज इस बात से समझा जा सकता है कि सांसद बने बिना भी उन्हें सरकार में मंत्री बनाया गया।

बता दें कि 1996, 1999 और 2009 में कांग्रेस से सांसद रही रत्ना सिंह के अचानक पार्टी छोड़ने के फैसले पर पार्टी कार्यकर्ता खासे निराश हैं। 29 अप्रैल 1959 को जन्मी राजकुमारी रत्ना सिंह ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही लड़ा था और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं।