नासा की अंतरिक्ष यात्री केट रूबिंस ने 30 नवंबर को पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर खुद की उगाई गई मूली की फसल काटी। नासा ने इस प्रयोग का नाम प्लांट हेबिटेट-02 रखा है। मूली को स्पेस स्टेशन में उगाने के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि वैज्ञानिकों को भरोसा था कि यह 27 दिन में पूरी तरह तैयार हो जाएगी।

मूली की इस फसल में पोषक तत्व भी हैं और खाने लायक भी है। मूली को चुना गया क्योंकि यह एक मॉडल पौधा है। मूली आनुवंशिक रूप से पौधे के समान है, जिनपर अंतरिक्ष में अक्सर अध्ययन किए जाते हैं- अराबिडोप्सिस।

दरअसल, मूली अध्ययन के लिए इस्तेमाल की जाती है क्योंकि ये पौष्टिक और तेजी से उगने वाली होती है। यह जेनेटिक तौर पर अराबिडोप्सिस के बराबर है। मूली को एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट में उगाया गया है। एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट पौधे के शोध के लिए विकास का चैंबर है।

चैंबर एलईडी रोशनी और नियंत्रित खाद के साथ पानी, पोषण और आॅक्सीजन को पौधे की जड़ों तक पहुंचाता है। नासा बीते काफी लंबे समय से अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में फसलों को उगाने के लिए अपना शोध जारी रखे हुए है।

अपने शोध अभियान के तहत रूबिंस ने प्रयोग में यह समझने की कोशिश की है कि कम गुरुत्वाकर्षण में पौधे कैसे बढ़ते हैं। ‘वेजी’ के रूप में जानी जाने वाली ‘द वेजीटेबल प्रोडक्शन सिस्टम’ की मदद से, अंतरिक्ष स्टेशन ने कई प्रकार के पौधों को सफलतापूर्वक उगाया है, जिनमें तीन प्रकार के लेट्यूस, चीनी गोभी, मिजुना सरसों, लाल रूसी केल और जिननिया फूल शामिल हैं। अंतरिक्ष में उगाई गई मूली को 2021 में धरती पर लाया जाएगा। रूबिंस ने मूली के 20 पौधों को पैक कर के 2021 में पृथ्वी पर लाने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रख दिया है।

समूचे प्रयोग के बारे में नासा ने ट्विटर पर जानकारी दी है। नासा के मुताबिक, मूली को उगाने में बेहद कम देखभाल की जरूरत पड़ती है। जहां इसे उगाया गया, वहां लाल, नीली और हरी और सफेद एलइडी रोशनी डाली गई, जिससे पौधे तेजी से विकसित हों। आगे के शोध में अंतरिक्ष में उगाई गई मूली की तुलना फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में उगाई गई मूली से की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में बढ़ते पौधों ने शोधकर्ताओं की दृष्टि बदली है। पौधे लाल और नीली रोशनी में सबसे अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं। पौधों को अब मिट्टी में जड़ने के लिए गुरुत्वाकर्षण की जरूरत नहीं है।

बीज एक किस्म के तकिए में उगाए जाते हैं जो जड़ों को समान रूप से उर्वरक और पानी वितरित करने में मदद करते हैं। उन्नत प्लांट हैबिटेट एक स्व-निहित विकास कक्ष है जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों से बहुत कम हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

यह संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा विनियमित 180 से अधिक सेंसर और कैमरों के साथ एलईडी रोशनी, झरझरा मिट्टी से सुसज्जित है। वहां से, पौधों की वृद्धि की निगरानी की जाती है और पानी और उर्वरक को बेहतर ढंग से वितरित करने और नमी और तापमान के स्तर को नियंत्रित किया जाता है।

मूली उगाने में सफलता के बाद वैज्ञानिक अब साग उगाने की तैयारी में हैं। इसके लिए अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट को भेजा जाएगा है। 2021 में थॉमस को अंतरिक्ष-विकसित साग की एक फसल उगाने का मौका मिलेगा।