कृष्ण कुमार रत्तू
समय के इस कारवां के सफर पर क्या लिखा है, इसे पढ़ते ही नहीं है हम। शेष स्मृतियों में बसा हुआ सब कुछ हमारी विरासत हो जाता है। इतिहास का पन्ना हो जाता है।
नववर्ष के इस विशेष उत्सव के समय में उन सुनहरी किरणों को आत्मसात् करते जीवन की एक नई सुबह शुरुआत करते हैं। होनी भी चाहिए। इसीलिए तो यह सुबह साल भर की अन्य सुबहों से अलग है। पतझड़ बीत जाती है। फूलों की नई फसल आ जाती है।
खुशबू से सारा आलम भर जाता है। सपने महकने लगते हैं, आंखों में रोशनी सुनहरी कोलाज बन कर तैरने लगती है और इंद्रधनुषी रंगों से सजा हुआ आसमान किसी नए भविष्य की ओर आपको ले जाता है। यही तो है जिंदगी का सफर और इस सफर के हमराह हम किस तरह साल-दर-साल अपने को खोते जा रहे हैं।
हमें आभास ही नहीं होता सपनों की इसी दुनिया को इस नववर्ष के अवसर पर याद करते हुए। क्या खूब कहा था कि जिंदगी का यह सफर साल-दर-साल सदियों से चलता आया है… कुछ भी तो नहीं बदला है।
आदमी की नया सीखने की ललक से जिंदगी को और खुशनुमा और सुनहरी पन्नों की इबारत लिखने से नववर्ष की सुबह यह भी कहती है कि आइए नए सपनों की उड़ान भर कर एक बार फिर से जिंदगी को जीने का सलीका दीजिए। हर साल इस सुबह यह उम्मीद कायम रही है। जहां उम्मीद नहीं होती है, वहां भी इस दिन की सुबह उम्मीद की कोंपलें उग आती हैं।
यह सुबह इसलिए भी खास हो जाती है कि इस दिन समय का एक कालचक्र गणना के अनुसार खत्म हो जाता है और नया अध्याय शुरू हो जाता है। इसी गणना के मुताबिक समय की विरासत कालचक्र के इतिहास में समा जाती है।
हमारी विरासत का एक आईना इसी समय के पहिए के साथ घूमता हुआ हमें नए भविष्य की ओर बढ़ने का इशारा करता है। कहता है कि आइए, एक नए आसमान की एक नई उड़ान के लिए अपने आपको तैयार करिए। यही तो आज की इस सुबह का एक ऐसा संदेश है।
दरअसल, नववर्ष की सुबह उन सपनों को एक बार फिर से नई पगडंडियों से शुरू करने की एक नई इबारत लिखती है। एक नया रास्ता दिखाती है और इन्हीं संघर्ष और दुख भरी पगडंडियों से चल कर जीवन का एक ऐसा रास्ता हम ढूंढ़ लेते हैं कि जिस पर चलते हुए मंजिलें कदम-दर-कदम मिला कर हमारे सामने सफलता के नए सोपान लिए खड़ी होती है। यही तो है संघर्ष की दास्तान।
यानी यह वक्त की फिर जरूरत है और वक्त भी आवाज देता है कि आज इस नववर्ष की सुनहरी धूप या फिर धूप की उम्मीद के बीच एक बार फिर से जिंदगी को नमस्कार करते हुए सौहार्द, प्रेम और खुशियों की एक ऐसी नदी में तैरा जाए कि जहां पर मनुष्य परेशानियों और तनाव से घिरा मनुष्य न होकर इस संसार का सबसे खुशनुमा व्यक्ति हो जाए।
समय की इस विरासत ने हमारे लिए क्या-क्या लिखा है, वक्त के इस सफेद पन्ने पर अपने जीवन को जीने की लालसा और अपनी-अपनी जिज्ञासा से बीती हुई स्मृतियों को याद करने का यही समय है कि इन सबको भूलते हुए एक नई शुरुआत की जाए। उसे आत्मसात करते हुए इस सुबह एक बार फिर से नई शुरुआत करने का हौसला बांटा जाए।
यह जीवन हर रोज, हर पल नई शुरुआत करने का एक नया वर्तमान क्षण है जो सुनहरी किरणों से लबरेज होकर इस समय हम सबको कह रहा है कि यह नया दिन है… नई सुबह है… एक कदम मेरे साथ चलिए। और एक बात जो हम सब पहले से जानते होंगे, उसे याद रखना चाहिए कि हर बड़ी से बड़ी, कठिन से कठिन यात्रा भी एक छोटे से पहले कदम से शुरू होती है।
फिर इन्हीं कदमों से कदमताल करता हुआ कारवां निकलता है, जिसमें जिंदगी का स्वार्थ होता है। जिंदगी का एक नया चेहरा होता है… जिंदगी की एक नई इबारत होती है और इसी में जीवन होता है।
नए सपनों के साथ हम एक नई जिंदगी का नया चेहरा देखते हैं, वह चेहरा हमारा अपना भी हो सकता है। यही संदेश है सूर्य की किरणों का, जो इस दिन नववर्ष के समय हम सबको कह रही है। उदासी के लम्हे छोड़ कर नई मंजिलों की ओर संघर्ष और उत्साह से आगे बढ़ना ही इस सुबह का संदेश है। तो फिर हम क्यों नहीं इन पंक्तियों के दौर में एक बार फिर से गुनगुनाते बढ़ चलते हैं एक बार फिर खुद से बतियाते हुए… सूर्य को देखते हुए उन पगडंडियों पर… जहां जिंदगी है। मुस्कुराती हुई जिंदगी, यही जीवन है और यही संदेश है।