Tahawwur Hussain Rana: मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को मुकदमे का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के एक दिन बाद अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) ने खुलासा किया है। डीओजे ने कहा कि कि मुंबई आतंकवादी हमले के बाद (जिसमें 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए) राणा ने कथित तौर पर अपने सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली से कहा था कि हमले के दौरान मारे गए नौ लश्कर आतंकवादियों को “निशान-ए-हैदर” दिया जाना चाहिए। बता दें, “निशान-ए-हैदर” युद्ध में वीरता के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार, जो शहीद सैनिकों के लिए है।
न्याय विभाग के बयान में यह भी कहा गया कि हमले पूरे होने के बाद राणा ने हेडली से कथित तौर पर कहा था कि भारतीय इसके लायक थे।
26/11 हमलों के करीब 16 साल बाद गुरुवार को राणा को भारत प्रत्यर्पित किया गया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ़्तार कर लिया। उसे दिल्ली की एक कोर्ट में पेश किया गया, जहां NIA ने 20 दिन की हिरासत मांगी और अदालत ने 18 दिन की हिरासत मंजूर कर ली।
पाकिस्तानी-कनाडाई व्यवसायी राणा, जो कभी पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में काम करता था। उस पर आतंकवादियों को महत्वपूर्ण रसद सहायता प्रदान करने का आरोप है। उसे मुंबई हमलों के 11 महीने बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया गया था। 64 वर्षीय राणा पर भारत में साजिश, हत्या, आतंकवादी कृत्य करने और जालसाजी सहित कई आरोप हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा 2008 में किए गए मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित संलिप्तता से उपजा है, जो एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन है।
26/11 के आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि भारत ने आरोप लगाया है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली – जो एक अमेरिकी नागरिक है और जिसका असली नाम दाउद गिलानी है। उसको लश्कर-ए-तैयबा के संभावित लक्ष्यों की निगरानी करने के लिए मुंबई की स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए एक धोखाधड़ीपूर्ण कवर की सुविधा प्रदान की।
DoJ के बयान में लिखा है, ‘अन्य बातों के अलावा, राणा ने कथित तौर पर अपने इमिग्रेशन व्यवसाय की मुंबई शाखा खोलने और हेडली को कार्यालय का प्रबंधक नियुक्त करने पर सहमति जताई, जबकि हेडली के पास इमिग्रेशन का कोई अनुभव नहीं था। दो अलग-अलग मौकों पर, राणा ने कथित तौर पर हेडली को भारतीय अधिकारियों के समक्ष वीज़ा आवेदन तैयार करने और जमा करने में मदद की, जिसमें ऐसी जानकारी थी जिसके बारे में राणा को पता था कि वह झूठी है। राणा ने कथित तौर पर अपने बेखबर व्यापारिक साझेदार के माध्यम से, राणा के व्यवसाय का एक शाखा कार्यालय खोलने के लिए भारतीय अधिकारियों से औपचारिक स्वीकृति प्राप्त करने के हेडली के प्रयास के समर्थन में दस्तावेज़ भी उपलब्ध कराए।’
इसमें कहा गया है कि दो साल से अधिक समय के दौरान, हेडली ने कथित तौर पर शिकागो में राणा से बार-बार मुलाकात की और लश्कर की ओर से अपनी निगरानी गतिविधियों, हेडली की गतिविधियों पर लश्कर की प्रतिक्रियाओं और मुंबई पर हमला करने की लश्कर की संभावित योजनाओं के बारे में बताया।
न्याय विभाग ने राणा के प्रत्यर्पण को “छह अमेरिकियों और अन्य दर्जनों पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया, जो 26 से 29 नवंबर, 2008 के बीच मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों द्वारा किए गए जघन्य हमलों में मारे गए थे।
चीन का US पर पलटवार, ड्रैगन ने किया 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान
आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे। साथ ही कई ग्रुपों में बंट गए और शहर भर में कई जगहों को निशाना बनाया। एक रेलवे स्टेशन पर उन्होंने गोलीबारी की और भीड़ पर ग्रेनेड फेंके। दो रेस्तरां में उन्होंने भोजन करने वालों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। ताज महल पैलेस होटल में उन्होंने लोगों को गोलियों से भून दिया और विस्फोटक लगा दिए। दूसरे ग्रुप ने एक यहूदी सामुदायिक केंद्र पर हमला किया, जिसमें अंदर मौजूद लोग मारे गए। जब तक घेराबंदी समाप्त हुई, तब तक 166 लोग मारे जा चुके थे। जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे। लश्कर के एक आतंकवादी को छोड़कर सभी मारे गए, सैकड़ों लोग घायल हुए और शहर को 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ।
न्याय विभाग ने कहा कि राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है, जिसमें राणा पर आतंकवाद के हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। 2013 में राणा को लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रायोजित एक नाकाम आतंकवादी साजिश को अंजाम देने की साजिश रचने के लिए इलिनोइस के उत्तरी जिले में मुकदमे के बाद 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
यह भी पढ़ें-
अमेरिकी सेना का G550 विमान, 11 घंटे का सीक्रेट हॉल्ट… तहव्वुर को भारत लाने की INSIDE STORY