Akhilesh Yadav On RSS Chief Mohan Bhagwat Statement: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत को भारत ही रखना चाहिए। उनके इस बयान पर अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि देश की पहचान है और इसे न तो बदला जाना चाहिए और न ही इसका अनुवाद किया जाना चाहिए।

सपा चीफ अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हिंदुस्तान भी अच्छा नाम है, हिंदुस्तान बहुत अच्छा नाम है। हिंदुस्तान के नाम में कोई कमी नहीं है। भारत भी होना चाहिए और इंडिया भी होना चाहिए। इंडिया के साथ में कौन था। हम तो भारत के साथ थे और हिंदुस्तान के साथ थे। इंडिया के साथ कौन था, ये जो कहते हैं ना नमाजवादी, सुना होगा आपने कभी-कभी हमारे बारे में नमाजवादी कहते हैं। दिल्ली में भी कोई सांसद हैं जो हमें नमाजवादी कह रहे हैं।’

बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रस्तावक पांच बार के नमाजी थे- सपा चीफ

अखिलेश यादव ने कहा, ‘बीजेपी के उन सांसद को शायद पता नहीं होगा वो बीजेपी में नए आए होंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का इतिहास नहीं पढ़ा होगा। बीजेपी के जो सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने उनके प्रस्तावक पांच बार के नमाजी थे और जब अधिवेशन हुआ, उसका खर्चा भी कुछ लोगों ने उठाया था। ये विषय आप पर है और आप लोग रिसर्च करके सच जरूर जनता को बता देना।’

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मोहन भागवत ने क्या कहा?

अब बात मोहन भागवत के बयान की करें तो आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञान सभा उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है क्योंकि दुनिया शक्ति को समझती है। इसलिए भारत को शक्तिशाली बनना होगा। उसे आर्थिक दृष्टि से भी समृद्ध बनना होगा।’ राष्ट्रीय पहचान पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है और इसका अनुवाद नहीं किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘इंडिया भारत है। यह सच है। लेकिन भारत भारत है। इसलिए बातचीत, लिखने में और भाषण में चाहे वह व्यक्तिगत हो या सार्वजनिक हमें भारत को भारत ही रखना चाहिए। भारत की पहचान का सम्मान इसलिए है क्योंकि वह भारत है। अगर आप अपनी पहचान खो देते हैं, चाहे आपके कितने भी अच्छे गुण क्यों न हों, आपको इस दुनिया में कभी सम्मान या सुरक्षा नहीं मिलेगी। यही मूलमंत्र है।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…