भारत की राजधानी दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन किया गया है। दुनिया के ताकतवर देशों के वीवीआईपी मेहमान भारत पहुंच रहे है। इनकी सुरक्षा में दिल्ली को छावनी में बदल दिया गया है। भारत पहली बार जी-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। एक तरफ तो वीवीआईपी मेहमानों को इतनी सुविधा दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ वीवीआईपी को भी भारत के कुछ नियम और चेकिंग प्रक्रिया से होकर गुज़रना होगा। सभी वीवीआईपी नेताओं के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होता है, जिसकी अहमियत कुछ अलग ही होती है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होने के बावजूद भी राष्ट्राध्यक्षों को पासपोर्ट जांच की परिक्रिया से होकर गुज़रना पड़ता है।
क्या होता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
डिपोलमटिक पासपोर्ट को राजनयिक पासपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट देश के प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को ही दिया जाता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को विदेश में कुछ विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट 5 साल में एक्सपायर हो जाता हैं।
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का क्या है फायदा?
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को कई इंटरनेशनल सुविधाएं मिलती है। जैसे होस्ट देश डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। होस्ट देश पर हमला होने की परिस्थिति में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को सबसे पहले देश से बाहर निकाला जाता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को वीजा लेने की जरुरत नहीं होती है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन लाइन में और अन्य किसी भी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता है।
बाइडेन के पास है काला पासपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार के सदस्यों और अमेरिका के हाई रैंक अधिकारियों को काले रंग का पासपोर्ट इशू होता हैं। बता दें कि यूएस में 3 अलग रंगों के पासपोर्ट इशू किये जाते है। तीनो पासपोर्ट की अपनी अलग अहमियत होती हैं।
क्या बाइडेन खुद पासपोर्ट चेक करवाते है?
किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक नेता पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज चेक करवाने के लिए खुद लाइन में नहीं लगते है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक अलग पर्सनल स्टाफ होता है जिनका काम जरुरी दस्तावेजों को राष्ट्रपति के साथ लेकर जाना होता है। यही अधिकारी राष्ट्रपति के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज चेक करवाते हैं। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद सुरक्षा घेरा में चले जायेंगे। वापसी के दौरान भी यही प्रोसेस दोहराया जाता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारकों की भी औपचारिक चेकिंग की जाती है।
विश्व में सिर्फ 3 लोगों को मिली है खास सुविधा
दुनिया में सिर्फ तीन ही ऐसे लोग है जिनको बिना पासपोर्ट के किसी भी देश में आने जाने की सुविधा प्रदान की गई है। ब्रिटेन के राजा या रानी को पूरे विश्व में किसी भी देश में आने जाने पर पासपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्वीन एलिजाबेथ के देहांत के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने सभी देशों को संदेश भेजा कि अब चार्ल्स राजा हैं। अब से किंग चार्ल्स को डिप्लोमेटिक इम्युनिटी मिलें। यह एक तरह का संदेश था कि जैसे क्वीन को पासपोर्ट दिखाने की जरुरत नहीं थी, वैसे ही अब किंग चार्ल्स के साथ भी हों। किंग चार्ल्स के अलावा शाही परिवार के अन्य सदस्य के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होता हैं।
जापान के राजा-रानी को पासपोर्ट की नहीं होती है जरूरत
जापान में भी राजशाही है, यानि देश में सभी कार्य राजा-रानी के नाम पर किया जाएगा। साल 2019 में नरोहितो और मसाको ओवादा को राजा और रानी बनाया गया था । जापान में भी ब्रिटेन जैसा नियम हैं। 70 के दशक में जापान के संसद ने तय किया कि वो अपने देश के राजा-रानी को दूसरे देश में जांच प्रक्रिया से गुजरने नहीं देंगे। इसके बाद से ही यह नियम चलता आ रहा है। हर बार जब गद्दी पर नए राजा के आने के साथ जापान का विदेश मंत्रालय सभी देशों को औपचारिक चिट्ठी भेजता है। इसके बाद से जापान के नए राजा-रानी को बिना पासपोर्ट के जाने की अनुमति मिल जाती है।