सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पोर्टल ‘सुस्वागतम’ शुरू करने की घोषणा की। इसके जरिये वकील, प्रशिक्षु और अदालत आने वाले लोग ऑनलाइन पंजीकरण कराकर शीर्ष न्यायालय में प्रवेश करने के लिए ई-पास ले सकेंगे। अभी तक सुप्रीम कोर्ट में एंट्री की ख्वाहिश रखने वाले लोगों को पास हासिल करने के लिए लंबी कतार में लगना पड़ता था। लेकिन सुस्वागतम आने के बाद लोगों को इस जद्दोजहद से छुटकारा मिल जाएगा।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने जैसे ही संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को रद किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की तभी सीजेआई ने इस ऑनलाइन सुविधा की घोषणा की।
सीजेआई बोले- कर सकते हैं ई-पास का आवेदन
चंद्रचूड़ ने कहा कि सुस्वागतम वेब आधारित और मोबाइल अनुकूल ऐप है, जिससे उपयोगकर्ता ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। लोग अदालत की सुनवाई में भाग लेने, वकीलों से मिलने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास का आवेदन कर सकते हैं।
सीजेआई ने कहा कि आपको सुबह कतार में लगने की जरूरत नहीं है। सभी पास ऑनलाइन दिए जा रहे हैं। यह सुविधा आज सुबह से उपलब्ध हो गई है। अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के काउंटर पर एंट्री पास पाने के लिए सुबह से ही लंबी कतार लगा करती थी। उनका कहना था कि सीजेआई की पहल के बाद शुरू हुआ पोर्टल लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। उनको सुप्रीम कोर्ट में एंट्री के लिए कतार में नहीं लगना पड़ेगा।
पोर्टल का जुलाई में हुआ था प्रायोगिक आधार पर परीक्षण
स्वागतम पोर्टल का 25 जुलाई 2023 से प्रायोगिक आधार पर परीक्षण किया गया था। इस पर उपयोगकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। नौ अगस्त तक इस पोर्टल के जरिए प्रायोगिक आधार पर 10 हजार से अधिक ई-पास जारी किए गए। वेबसाइट पर एक वीडियो भी उपलब्ध है जिसमें बताया गया है कि इस ऐप का इस्तेमाल कैसे करना है।