Centenary Celebrations RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो चुके हैं। स्थापना दिवस के शताब्दी वर्ष में नागपुर के रेशमबाग में मुख्य कार्यक्रम हो रहा है। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद हैं। सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के विजयादशमी उत्सव की शुरुआत शस्त्र पूजा से की।
संघ के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधन की शुरुआत विजयादशमी की बधाई से की। कोविंद ने कहा कि मेरे जीवन में नागपुर के दो महापुरुषों का बहुत बड़ा योगदान है- डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर। पूर्व राष्ट्रपति ने हेडगेवार से लेकर भागवत तक संघ के अब तक के सफर में सरसंघचालकों के योगदान भी गिनाए।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान कानपुर का जिक्र किया। कोविंद ने कहा कि कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट से बीजेपी का प्रत्याशी था, तब संघ से मेरा परिचय हुआ। जातिगत भेदभाव से रहित लोग संयोग से संघ के स्वयंसेवक और पदाधिकारी ही थे। उन्होंने कहा कि संघ में जातीय आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता। संघ सामाजिक एकता का पक्षधर रहा है। मेरी जीवन यात्रा में स्वयंसेवकों के साथ जुड़ाव और मानवीय मूल्यों से कैसे प्रेरणा मिली, इसका उल्लेख अपनी आत्मकथा में किया है, जो इस साल के अंत तक प्रकाशित हो जाएगी।
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इससे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संघ प्रमुख और मुख्य अतिथि ने संघ की प्रार्थना भी की। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई नेता मौजूद हैं।
सरसंघचालक मोहन भागवत ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। संघ के विजयादशमी उत्सव में 21 हजार स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं। इस आयोजन के साथ ही संघ की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर वर्षभर चलने वाले आयोजनों की शुरुआत हो गई है।
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