पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की वसुंधरा सरकार की तरफ से लगातार दो विश्वविद्यालयों को बंद करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उनका कहना है कि शिक्षा और विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के मामले में भाजपा सरकार विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा सरकार ने अपने पूर्व के कार्यकाल में भी 23 हजार राजीव गांधी स्वर्ण जयंति पाठशालाओं का नाम बदल दिया था।
राज्य में हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय को बंद करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मामले में वसुंधरा सरकार की जमकर खिंचाई की है। उनका कहना है कि आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय बंद करना और राजीव गांधी आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके साथ ही राजीव गांधी शिक्षा संकुल का नाम बदल कर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और विश्वविद्यालय का नाम गोविंद गुरू के नाम पर कर दिए गए। ये दोनों महापुरुष हैं, इन जैसे महापुरुषों का नाम विवाद में घसीटना उन जैसे व्यक्तित्वों के साथ घोर अन्याय है। इस मामले में गहलोत ने अफसोस जताते हुए कहा कि उन्हें अफसोस है कि ऐसे मामलों में किसी मुख्यमंत्री की ऐसी संकीर्ण मानसिकता कैसे हो सकती है।
गहलोत का कहना है कि अभी हाल में सरकार बदलने के बाद राजीव गांधी के नाम से 9 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों और जिला केंद्रों पर राजीव गांधी सेवा केंद्रों को अटल सेवा केंद्र कर दिया गया। इस तरह से नाम बदलना कभी भी हमारी संस्कृति और परंपरा में नहीं रहा। गहलोत का कहना है कि उनके शासन में इस तरह से नाम बदलना तो दूर यह उनकी सोच तक में ही नहीं आया।
उन्होंने कहा कि अगली सरकार हमारी आएगी तो फिर से इनके नाम राजीव गांधी अटल सेवा केंद्र कर दिए जाएंगे। अटल नाम नहीं हटाया जाएगा क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न हैं। गहलोत का कहना है कि उनकी सोच सकारात्मक रही है और इनकी नकारात्मक। प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को बंद करने के फैसले को भाजपा सरकार की हठधर्मिता करार दिया है।