सदीय समिति ने सरकार से वर्ष 2024-25 तक सभी ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने को कहा संसद की एक समिति ने देश की 2,71,102 ग्रामीण पंचायतों में से केवल 80,742 में सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन होने का उल्लेख करते हुए सरकार से वर्ष 2024-25 तक सभी ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है। समिति ने कहा है कि सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘भारतनेट’ की प्रगति भी उत्साहजनक नहीं है।
संसद के हाल ही में संपन्न बजट सत्र के दौरान द्रमुक सांसद कनिमोई करूणानिधि की अध्यक्षता वाली पंचायती राज मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की अनुदान की मांगों संबंधी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। समिति ने नोट किया कि पंचायती राज मंत्रालय का उद्देश्य दूरसंचार मंत्रालय और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से देश के 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करके ‘ग्राम पंचायतों का डिजिटलीकरण’ करना है।
समिति ने कहा है कि डिजिटल इंडिया के प्रमुख कार्यक्रम में परिकल्पित डिजिटल रूप में समावेशी और सशक्त समाज के लिए यह अनिवार्य है। फिर भी समिति यह स्वीकार करती है कि भारतनेट परियोजना की प्रगति उत्साहजनक नहीं है। इसमें कहा गया है कि 21 जनवरी 2023 की स्थिति के अनुसार 2,71,102 ग्रामीण निकायों में से केवल 80,742 ग्रामीण स्थानीय निकायों के पास सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन हैं, भले ही 1.92 लाख ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार कर दिया गया है।
संसदीय समिति ने महाराष्ट्र जैसे राज्यों की अपनी अध्ययन यात्राओं के दौरान ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी और सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए गैर सरकारी सेलुलर डेटा के उपयोग का भी अभाव पाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए समिति मंत्रालय से अनुरोध करती है कि वह वर्ष 2023-24 के दौरान सभी 1.92 लाख ग्राम पंचायतों को सेवा हेतु तैयार करने के लिए सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने और वर्ष 2024-25 तक सभी ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए संबंधित दोनों मंत्रालयों के साथ समन्वय करके कदम उठाएं। समिति ने कहा है कि उसे इस संबंध में हुई प्रगति से भी अवगत कराया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति पाती है कि संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्यान्वित की जा रही है जिसके माध्यम से मंत्रालयों द्वारा बड़ी संख्या में निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायक कार्यकर्ताओं और अन्य हितधारकों के क्रमिक क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण का प्रयास किया जाता है।
इस संबंध में मंत्रालय ने समिति को बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान 21 जनवरी 2023 तक लगभग 15,11,827 निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत कार्यकर्ताओं और अन्य हितधारकों के प्रशिक्षित किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, समिति का यह सुविचारित मत है कि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के आरक्षण का प्रावधान है, फिर भी पंचायत स्तर पर वास्तव में महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है ताकि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें।
इसमें कहा गया है कि पंचायती राज संस्थाआं में ‘सरपंच/प्रधान पति’ जैसी प्रचलित अवधारणाओं पर अंकुश लगाने के लिए समिति दृढ़ता से यह सिफारिश करती है कि मंत्रालय को महिला प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। समिति ने सभी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी हेतु एक निश्चित प्रतिशत आरक्षित करने का सुझाव दिया।