वैश्विक स्तर पर कैंसर की बीमारी मनुष्य की मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। भारत में साल दर साल कैंसर के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। दो सालों में कैंसर के मामलों में करीब 67 हजार की बढ़ोतरी हुई है जो पांच फीसद से ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह जानकारी राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी गई।
राकेश सिन्हा ने अपने अतारांकित सवाल (संख्या 274) में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से पूछा था कि क्या यह सच है कि कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ रही है? देश में कैंसर के रोगियों की कुल संख्या कितनी है? लिंग, आयु और क्षेत्र के आधार पर रोगियों की संख्या का ब्योरा क्या है? और आंकोलाजी रोगियों और कैंसर के रोगियों के बीच का अनुपात कितना है? इस सवाल का लिखित उत्तर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार की ओर से उच्च सदन के पटल पर रखा गया।
पवार ने अपने जवाब में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की ‘राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री रिपोर्ट, 2020’ के हवाले से बताया कि देश में साल 2018 में कैंसर मरीजों की संख्या 13,25,232 थी। साल 2019 में यह संख्या बढ़कर 13,58,415 तक पहुंच गई थी। मंत्री ने बताया कि आइसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में देश में कैंसर मरीजों की संख्या बढ़कर 13,92,179 तक पहुंच गई थी। यानी दो सालों में कैंसर के मामलों में करीब 67 हजार की बढ़ोतरी हुई है जो पांच फीसद से ज्यादा है। मंत्री के जवाब में 2021 और 2022 के आंकड़ों का कोई जिक्र नहीं किया गया था।
आइसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार देश में कैंसर का सबसे अधिक फैलाव आइजोल जिले की रजिस्ट्री में देखा गया है। यहां पर एक लाख की जनसंख्या पर 206.2 पुरुष और 174.6 महिलाएं कैंसर की मरीज हैं। आइजोल रजिस्ट्री के आंकड़े 2012-2016 के हैं। इसके बाद कामरूप शहरी क्षेत्र रजिस्ट्री की स्थिति आती है। 2012-2016 के आंकड़ों के मुताबिक यहां पर एक लाख की जनसंख्या पर 190.5 पुरुष और 150.8 महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं।
डब्लूएचओ के मुताबिक भारत में 15 में एक व्यक्ति की मौत कैंसर से हो सकती है
देश में उस्मानाबाद एवं बीड रजिस्ट्री में कैंसर का सबसे कम प्रसार है। 2012-2015 के आंकड़ों के मुताबिक यहां पर एक लाख की जनसंख्या पर 39.3 पुरुष और 52.8 महिलाएं कैंसर की मरीज हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली रजिस्ट्री में 2012-2014 के आंकड़ों के मुताबिक एक लाख की जनसंख्या पर 112.3 पुरुष और 119.6 महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं। इसी तरह पटियाला जिला रजिस्ट्री में एक लाख की जनसंख्या पर 101.6 पुरुष और 127.7 महिलाएं कैंसर की मरीज हैं।
दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर में हर साल एक करोड़ कैंसर के नए मामले सामने आते हैं। डब्लूएचओ के नए अनुमानों के अनुसार भारत में हर 10 भारतीयों में से एक को अपने पूरे जीवनकाल में कैंसर विकसित होने की आशंका रहती है और 15 में से एक व्यक्ति की मौत कैंसर के कारण हो सकती है।