The Legend Of Maula Jatt: फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट को आखिरकार भारत में रिलीज की तारीख मिल गई है। यह 2 अक्टूबर को सिर्फ पंजाब में रिलीज होगी। इस फिल्म पर अब सियासत भी शुरू हो चुकी है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने कहा कि भारत में पाकिस्तानी फिल्म को रिलीज करने की क्या जरूरत है।

आनंद दुबे ने सवाल करते हुए कहा कि क्या हमारे देश में कलाकार नहीं है। क्या हम यहां पर फिल्में नहीं बनाते हैं। हमें अपनी मेहनत की कमाई पाकिस्तानी फिल्मों पर क्यों खर्च करनी चाहिए ताकि वे पैसा कमाएं और उस पैसे का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए करें। सरकार पाकिस्तानी फिल्म को रिलीज करने की इजाजत कैसे दे सकती है। जब यह तय हो चुका है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और वह नहीं चाहता कि भारत तरक्की करे, तो फिर हमारा उनसे क्या लेना देना है।

मनसे ने भी जताई आपत्ति

केवल उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी इसकी रिलीज पर आपत्ति जताई है। मनसे सिनेमा विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने एएनआई को दिए गए एक बयान में कहा कि मनसे भारत में किसी भी पाकिस्तानी फिल्म या एक्टर को मनोरंजन नहीं करने देगी। अगर ऐसा हुआ, तो एक ज़ोरदार आंदोलन होगा। खोपकर ने कहा कि मैं अन्य राज्यों के लोगों और पार्टियों से भी अपील करता हूं कि वे अपने राज्यों में इसका विरोध करें। हमारे सैनिक सीमाओं पर मर रहे हैं और हमारे शहरों पर हमले हो रहे हैं। हमें यहां पाकिस्तानी एक्टर्स की क्या जरूरत है।

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थिएटर में लगे शीशे बहुत महंगे- मनसे

अमेय खोपकर ने थिएटर के मालिकों को वार्निंग देते हुए कहा कि थिएटर के मालिकों को अच्छी तरह से पता है कि उनके थिएटर में लगे शीशे बहुत ही महंगे हैं। कला और राजनीति दोनों अलग-अलग चीजे हैं, लेकिन हम अपने सैनिकों की कीमत पर कला नहीं चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले हफ्ते तक आतंकी हमले हुए और हम पाकिस्तानी फिल्में देखेंगे। कोई ऐसा सोच भी कैसे सकता है। हम उनको पैर नहीं टिकाने देंगे।