स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कई मुद्दों पर विस्तार से बात की। उनकी तरफ से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की भी तारीफ की गई। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बता दिया। लेकिन AIMIM के प्रमुख ओवैसी की तरफ से संघ पर निशाना साधा गया है। उन्होंने इस नफरत से जोड़ दिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ओवैसी ने लिखा कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में संघ की तारीफ करना देश की आजादी की लड़ाई के लिए एक अपमान के समान है। आरएसएस और उनके साथियों ने तो अंग्रेजों के ही जवान के रूप में काम किया था, आजादी की लड़ाई में उन्होंने कभी हिस्सा नहीं लिया और गांधी से भी नफरत की। अपनी पोस्ट में आगे ओवैसी लिखते हैं कि पीएम मोदी की वजह से एक बार फिर यह सिद्ध हो चुका है कि सभी को असल इतिहास और अपने नायक पता होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर कायरों को ही सबसे बहादुर होने का तमगा मिलेगा।
ओवैसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर पीएम मोदी को संघ की तारीफ करनी ही थी तो वे नागपुर जाकर ऐसा कर सकते थे, उन्होंने लाल किले की प्राचीर को ही क्यों चुना। अब जानकारी के लिए बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान संघ का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि आज मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि 100 वर्ष पूर्व, एक संगठन का जन्म हुआ – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)। राष्ट्र की सेवा के 100 वर्ष एक गौरवपूर्ण, स्वर्णिम अध्याय हैं। ‘व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण’ के संकल्प के साथ, मां भारती के कल्याण के उद्देश्य से, स्वयंसेवकों ने अपना जीवन मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया… एक तरह से, आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है। इसका 100 वर्षों का समर्पण का इतिहास है