दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में G-20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र समाप्त हुआ। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही नए सदस्य के तौर पर अफ्रीकन यूनियन का स्वागत किया गया। अब G-20 का नाम G-21 हो जाएगा। G-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने खुद X पर पोस्ट कर बताया कि भारत ने किन मुद्दों पर जोर दिया।
वन अर्थ विषय पर G-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में चर्चा हुई
पीएम मोदी ने बताया कि वन अर्थ विषय पर G-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “पृथ्वी की भावना का साथ ही है कि भारत ने लाइफ मिशन जैसी पहल पर काम किया। हमने ग्रीन ग्रिड पहल शुरू की है, जिससे एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड , प्रयुक्त सौर ऊर्जा, प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया गया है।”
यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने कही बड़ी बात
पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “यूक्रेन युद्ध के कारण विश्वास की कमी बढ़ी है। अब हम सब की जिम्मेदारी है कि विश्वास की भावना को मजबूत किया जाए। यह सब को साथ मिलकर चलने का समय है। भारत की G20 अध्यक्षता देश के भीतर और देश के बाहर समावेशी और सबका साथ का प्रतीक बन गई है। करोड़ों लोग G-20 से जुड़े हैं।”
नई दिल्ली घोषणा पत्र पर G20 शेरपा अमिताभ कांत ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “भारत की हरित विकास पहल को मंजूरी मिली है। संतुलित, समावेशी, मजबूत और स्थाई विकास पर जोर दिया जाएगा। संस्थानों पर जोर दिया जाएगा। सतत विकास लक्ष्य की प्रगति में तेजी लाने पर जोर दिया जाएगा। बहुपक्षीय व्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया जाएगा।
वहीं अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत G 20 का शानदार मेहमान और अध्यक्ष रहा। यूक्रेन संकट की स्थिति में ऐसे आयोजन करना कठिन काम है। जर्मनी के राष्ट्रपति ओलाफ शोल्ज ने ऐसा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें G20 की पहले से ज्यादा जरूरत है।