उत्तराखंड में ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ मंगलवार को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। कपाट खुलते समय लोगों में बेहद उत्साह नजर आया। जबकि कपाट खुलने से एक दिन पहले केदारनाथ में जबरदस्त बर्फबारी हुई थी। केदारनाथ मंदिर के चारों और पहाड़ियों में बर्फ ही बर्फ नजर आ रही थी। प्रतिकूल मौसम भी श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा को नहीं डिगा पाया।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के वक्त पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय आदि जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा प्रतिपादित परंपरा के अनुसार रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा अर्चना की गई। कपाट खुलते समय सेना के बैंड तथा भजन कीर्तन एवं जय श्री केदार के उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। इस मौके पर श्रद्धालुओं पर हेलकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। मंगलवार को कपाट खुलने के बाद मुख्यमंत्री धामी की ओर से सभी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने खुद भाग लिया।
केदारनाथ के कपाट हर साल आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की जयंती के दिन खोले जाते है। क्योंकि आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने ही केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था और उत्तराखंड के चारों धामों को पूरे देश को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से जोड़ने के लिए दक्षिण भारत के नंबूदरी पाद ब्राह्मणों को केदारनाथ सहित उत्तराखंड के चारों धामों बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की पूजा करने का अधिकार दिया था और उत्तराखंड के इन चारों धामों के आस-पास के ब्राह्मणों को पूरब-पश्चिम और दक्षिण भारत में स्थापित आदि जगद्गुरु शंकराचार्य के मठों की पूजा करने का अधिकार प्रदान किया।
इस तरह से उन्होेंने भारत की सांस्कृतिक एकता को और अधिक मजबूत किया। आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की केदारनाथ में समाधि है। मान्यता है कि बाबा केदारनाथ की पूजा करते हुए आदि जगद्गुरु शंकराचार्य बाबा में ही विलीन हो गए। आदि जगद्गुरु शंकराचार्य को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। पिछले साल केदारनाथ में 2013 का कीर्तिमान तोड़ते हुए सात लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए थे।
इस साल राज्य सरकार ने चारों धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए शुरू से ही पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक साढेÞ छह लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा लिया है। जिस तरह से केदारनाथ के लिए तीर्थयात्रियों का आकर्षण बढ़ा है, उसको देखते हुए इस साल केदारनाथ की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या कई गुना ज्यादा बढ़ने की संभावना है। अब तक चारों धामों की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की तादाद चैदह लाख से ज्यादा हो चुकी है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए राज्य सरकार को इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ज्यादा व्यापक इंतजाम करने पड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। सामाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं का भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम की जानकारी लेकर बाबा केदार के दर्शन लिए आएं, ताकि किसी को भी मौसम की वजह से कोई असुविधा न हो। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। 27 अप्रैल को भगवान बदरी विशाल के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल जाएंगे।