CJI DY Chandrachud: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) की जज हिलेरी चार्ल्सवर्थ ने शनिवार को कहा कि कैसे आईसीजे और भारत के सुप्रीम कोर्ट के सामने मामलों के राजनीतिक पहलू कुछ मायनों में समान हैं। इस दौरान उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ से जुड़ी अपनी यादों को भी साझा किया।

अपने स्पीच के दौरान जस्टिस हिलेरी चार्ल्सवर्थ ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ अपनी फ्रेडशिप और पोस्ट ग्रेजुएट जर्नी का किस्सा भी शेयर किया।
हिलेरी चार्ल्सवर्थ ने कहा, ‘भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और मैं पहली बार 40 साल पहले मिले थे। हमने हार्वर्ड की समृद्धि का पता लगाया। वह तब भी एक बहुत ही उदार और बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में सामने आए। हमारे परिवारों ने दोस्ती को गहराई से महत्व दिया है और हमें उम्मीद है कि यह आगे भी जारी रहेगी।’

वहीं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस चार्ल्सवर्थ को एक महान विद्वान, एक अग्रणी नारीवादी विचारक और एक पुराना मित्र बताया। उन्होंने कहा, “मैंने प्रिय पुराने मित्र कहा है, क्योंकि हम वास्तव में बहुत समय पीछे चले गए हैं। हमने हार्वर्ड लॉ स्कूल में एक साथ पढ़ाई की है। हमारी दोस्ती कक्षा से आगे बढ़ी और हमें शिक्षा की कठिनाइयों को पार करने में मदद मिली।”

सीजेआई ने बताया कि कैसे अदालतों के भीतर लैंगिक विविधता को एकीकृत करने से बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “न्यायाधीश के रूप में हम लगातार विभिन्न सामाजिक समूहों में न्याय के सवालों से लड़ते हैं। न्यायाधीश चार्ल्सवर्थ ने न्यायशास्त्र के नारीवादी स्कूल को मुख्यधारा में लाया है।”

चार्ल्सवर्थ ने बताया कि कैसे भारतीय सुप्रीम कोर्ट और संविधान अंतरराष्ट्रीय कानून और आईसीजे की भूमिका को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह मेरे सहित अन्य शीर्ष न्यायालयों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय कानून लागू करने के लिए अधिक खुला है। जस्टिस चार्ल्सवर्थ के व्याख्यान में आईसीजे के इतिहास और इसके कुछ प्रमुख मानदंडों और विचारों पर भी चर्चा हुई।

लिंग विविधता को लेकर चार्ल्सवर्थ ने कहा कि लिंग विविधता के मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का रिकॉर्ड ख़राब रहा है… उसे अपने बाध्यकारी निर्णयों को लागू करने की कोई चिंता नहीं है, जो स्वयं राज्यों पर पड़ता है। बता दें, आईसीजे की जस्टिस चार्ल्सवर्थ भारत के सुप्रीन कोर्ट के स्थापना दिवस और हीरक जयंती समारोह में यह बात कही।