योग गुरु से राजनीति तक बाबा रामदेव की यात्रा काफी दिलचस्प रही है। भारत ही नहीं विश्व में भी योग को प्रचारित प्रसारित करने के मामले में रामदेव प्रमुख चेहरा रहे हैं। यही नहीं बाबा रामदेव अपने पतंजलि उत्पादों के जरिए भारत में ‘स्वदेशी’ अभियान के अगुवा बनकर उभरे हैं। वैसे तो योग गुरु रामदेव के जीवन पर बहुत लोगों ने कुछ न कुछ लिखा है, लेकिन बाबा इंडिया टूडे मैगज़ीन के उप-संपादक उदय महूरकर के साथ मिलकर स्वयं अपनी आत्मकथा लिखने जा रहे हैं। इस बुक का नाम होगा ‘बीइंग बाबा रामदेव’, जो अगले साल प्रकाशित हो सकती है। बाबा रामदेव की आत्मकथा प्रोजेक्ट के बारे में बुक के पब्लिशर ‘पेंगुइन बुक्स इंडिया’ ने स्वयं खुलासा किया है।
अपने आयुर्वेदिक ब्रांड ‘पतंजलि’ के उत्पादों से बाजार में भी धाक जमाने वाले रामदेव का विवादों से भी चोली दामन का साथ रहा है। चाहे वह 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध धरने पर बैठना हो, पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए महिलाओं के वस्त्र पहनना हो या ‘भारत माता की जय’ न बोलने वालों का सर धड़ से अलग कर देने वाला बयान हो, रामदेव सुर्खियों में बने रहते हैं।
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रामदेव की आत्मकथा के आधिकारिक प्रकाशक के मुताबिक 50 वर्षीय योग गुरु कहते हैं, ‘मीडिया के बहुत से लोगों द्वारा मेरे जीवन के बारे में लिखा जाता रहा है। अब मैं अपनी आत्मकथा में खुद अपने जीवन की कहानी लोगों से साझा करूंगा। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि उदय महूरकर मेरे आत्मकथा लेखन में मेरे सहायक होंगे और पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया इसे प्रकाशित करेगा।’ वहीं, किताब के सह लेखक उदय महूरकर ने कहा, ‘मैं बाबा रामदेव के जीवन को 2002 से ही फॉलो कर रहा हूं और मैं खुशी हूं कि उन्होंने अपने जीवन की कहानी लोगों से बांटने के लिए मुझे सह लेखक के रूप में चुना है। रामदेव की आत्मकथा उनके जीवन यात्रा के बारे में पाठको को कुछ अनछुए पहलुओं से परिचित कराएगी।’ इस किताब में बाबा रामदेव के योग गुरु बनने से पतंजलि ब्रांड तक सफर तक की यात्रा के बारे में बताया जाएगा।
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