Junaid-Nasir Case : पिछले हफ्ते राजस्थान के रहने वाले जुनैद और नासिर की कथित तौर पर जला कर हत्या कर दी गयी थी। उनकी बॉडी जली हुई बोलेरों गाड़ी के साथ हरियाणा के भिवानी में मिली थी। जांच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हो रहा है कि एफआईआर में जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं उनका नूंह जिले की पुलिस के साथ गहरा संबंध हैं। वह संदिग्ध पशु तस्करों के बारे में मुखबिरी के साथ-साथ गो-तस्करों पर छापेमारी में पुलिस टीमों के साथ शामिल भी रहे हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा देखे गए रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि नूंह के फिरोजपुर झिरका और नगीना पुलिस स्टेशनों में पिछले दो महीनों में दर्ज की गई कम से कम चार एफआईआर में रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत को मुखबिर के रूप में वर्णित किया गया है।
मोनू मानेसर का भी नाम शामिल
रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत का नाम जुनैद और नासिर की कथित हत्या के सिलसिले में शुरू में दर्ज किए गए अभियुक्तों में शामिल हैं। यह तीनों गौरक्षक समूहों का हिस्सा हैं। इस लिस्ट में मोनू मानेसर का नाम भी शामिल है। मोनू मानेसर बजरंग दल का सदस्य और गुड़गांव में हरियाणा सरकार के गाय संरक्षण कार्य बल का चेहरा है। सोमवार को राजस्थान पुलिस ने नामजद की गए लोगों की सूची में आठ और लोगों को जोड़ा है।
पुलिस के साथ संबंध के क्या हैं सबूत ?
14 फरवरी को दर्ज की गयी सबसे हालिया एफआईआर इन तीनों आरोपियों के हरियाणा पुलिस के साथ संबंधों को दिखाती है। यह एफआईआर फिरोजपुर झिरका स्टेशन पर रात 10.30 बजे (जुनैद और नासिर के अपहरण की आशंका से कुछ घंटे पहले) हरियाणा के मवेशी वध कानून के तहत दायर की गयी थी।
एफआईआर में कहा गया है कि नूंह के एगॉन गांव के पास तैनात पुलिस टीम को गुप्त मुखबिर और गौ रक्षक रिंकू ने सूचना दी थी कि मवेशी तस्करी में शामिल पांच लोग गो हत्या करने के लिए एक पिक-अप ट्रक में राजस्थान की ओर जा रहे हैं। एफआईआर में कहा गया है कि इस सूचना के10-15 मिनट के बाद बैरिकेडिंग की गई और रिंकू के इशारे पर एक पिकअप ट्रक को रोका गया। पुलिस को देखकर पिकअप ट्रक ने रिवर्स करने की कोशिश की लेकिन ट्रैफ़िक के कारण ऐसा नहीं कर सका। सहायक उप-निरीक्षक जमशेद की शिकायत पर दर्ज की गई एफआइआर में कहा गया है कि चालक और उसके चार साथी ट्रक की खिड़कियों से कूद गए और भागने में सफल रहे।