Thanesar (Haryana) Vidhan Sabha Election/Chunav Result 2024: हरियाणा विधानसभा की थानेसर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने जीत हासिल की है। कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार अरोड़ा ने भारतीय जनता पार्टी के सुभाष सुधा को 3243 वोटों से हराया है। पिछली बार यहां कांग्रेस की जीत हुई थी और इस बार बाजी पलट गई है।
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इस बार भारतीय जनता पार्टी ने यहां से अपने पिछली बार के उम्मीदवार को फिर से रिपीट किया है। उन्होंने सुभाष सुधा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने अशोक अरोड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को टफ बनाते हुए कृष्ण बजाज को चुनावी दंगल में उतारा है। थानेसर विधानसभा सीट एक जनरल कैटेगरी की सीट है।
2019 के चुनावी नतीजे
साल 2019 में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच में टफ फाइट देखने को मिली थी। भारतीय जनता पार्टी ने सुभाष सुधा को ही अपना उम्मीदवार बना चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से अशोक कुमार अरोड़ा पर भरोसा जताया था। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुभाष सुधा ही जीत दर्ज करने में सफल हुए। उन्होंने 842 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उनको 55,759 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा को 54,917 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | जीते/हारे |
बीजेपी | सुभाष सुधा | 55,759 | जीते |
कांग्रेस | अशोक अरोड़ा | 54,917 | हारे |
निर्दलीय | परवीन चौधरी | 11,939 | हारे |
साल 2014 में क्या रहे परिणाम
थानेसर विधानसभा सीट पर 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने सुभाष सुधा को ही मैदान में उतारा था। उन्हें 68,080 वोट के साथ 52.87 फीसदी वोट हासिल हुए थे। आईएनएलडी के अशोक कुमार को 42,442 को वोट के साथ 32.96 फीसदी वोट मिले। कांग्रेस पार्टी के पवन गर्ग को 13,769 वोट के साथ 10.69 फीसदी मत मिले थे। यहां पर बीजेपी के उम्मीदवार की रिकॉर्ड जीत हुई थी।
थानेसर विधानसभा सीट का सियासी गणित
1967, 1968 और 1972 में यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। साल 1977 में जनता पार्टी ने इसे कांग्रेस से छीन लिया और फिर 1982 और 1987 में लोक दल के विधायकों ने इसका प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, 1990 के उपचुनाव में जनता दल ने सीट जीती और 1991 में कांग्रेस ने फिर से सीट जीती, लेकिन 1996 में इसे बरकरार रखने में विफल रही क्योंकि यह सोशल एक्शन पार्टी के उम्मीदवार ने जीती थी। 2000 के विधानसभा चुनाव में यह सीट इनेलो ने जीती, 2005 में कांग्रेस ने और फिर 2009 में इनेलो ने जीती। बीजेपी ने 2014 में पहली बार सीट जीती, जब इसे सुभाष सुधा ने जीता, जो 2019 के विधानसभा चुनाव में इसे बरकरार रखने में कामयाब रहे।